गांवों में पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए 8500 नोडल अधिकारी तैनात
पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
पंजाब में धान की कटाई के सीजन दौरान पराली जलाने की समस्या पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने अधिक प्रभावित गांवों के तौर पर पहचान किए गांवों में 8500 नोडल अफसर तैनात किए हैं। धान की फसल का उत्पादन करने वाले इन गांवों को इसलिए अधिक प्रभावित गांव माना जाता है क्योंकि इन गांवों में गत समय से धान की पराली को आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
यह खुलासा करते हुए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मैंबर सचिव करुनेश गर्ग के मुताबिक संबंधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर्स को जरूरी हिदायतें पहले ही जारी कर दी गई हैं कि इन प्रभावित गांवों में विशेष ध्यान दिया जाए। जहां पिछले सीजन दौरान हर गांव में पराली को आग लगने की 25 से अधिक घटनाएं घटीं थीं।
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जिक्रयोग्य है कि पटियाला, संगरूर, बठिंडा, फिरोजपुर, श्री मुक्तसर साहिब, तरन तारन, मोगा और मानसा की अधिक प्रभावित जिलों के तौर पर पहचान की गई है जहाँ पिछले सीजन में इनमें से हर जिले में धान की पराली को आग लगने की 4000 से अधिक घटनाएँ घटने के मामले सामने आए थे।
गर्ग ने यह भी बताया कि हर जिले में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है जहाँ पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करने, मोबाइल ऐप से डाटा डैशबोर्ड पर अपलोड करने और अलग-अलग तरफ से कार्यवाही करने बारे प्राप्त हुई कार्रवाई रिपोर्ट को तैयार करना और जमा करवाने का कार्य किया जाएगा।
इन अधिकारियों को किया तैनात
सदस्य सचिव ने आगे बताया कि इन नोडल अफसरों को हर प्रभावित गाँव में तैनात किया गया है जिससे किसानों को पराली जलाने से परहेज करने बारे जागरूक करने के अलावा धान की कटाई के बाद के कार्यों पर नजर रखी जा सके। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सहकारिता, राजस्व, ग्रामीण विकास एवं पंचायत, कृषि, बागबानी और भूमि संरक्षण सहित अन्य विभागों के स्टाफ को नोडल अफसर के तौर पर तैनात किया गया है ताकि पंजाब में पराली जलाने के अस्वस्थ रुझान को रोकने के लिए किये जा रहे यत्नों को और तेज किया जा सके।
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