Punjab Coal Crises
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Coal Crises देशभर में कोयले की खमी खलती जा रही है। वहीं पंजाब भी इससे अब अछूता नही है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों जारी दिशा-निर्देश के बावजूद प्रदेश में कोयला आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिसके चलते स्थिति बिगड़ती जा रही है। बता दें कि कमी के कारण दोनों सरकारी थर्मल प्लांट पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अब पावरकॉम जहां प्राइवेट थर्मल प्लांटों पर निर्भर है, वहीं बाहर से महंगी बिजली भी खरीद रहा है।
रविवार की स्थिति को देखकर मालूम हुआ कि थर्मल प्लांटों में मात्र आधे दिन से लेकर ढाई दिन का कोयला शेष रह गया, जबकि तय गाइडलाइंस के मुताबिक प्लांटों में कोयला 25 से 30 दिन का होना चाहिए। आंकड़ों के मुताबिक रविवार को सरकारी थर्मल प्लांट रोपड़ में डेढ़ दिन से भी कम, लहरा मुहब्बत में आधा दिन, तलवंडी साबो में ढाई दिन, राजपुरा में भी ढाई दिन और गोइंदवाल में आधे दिन से भी कम का कोयला बचा था। इस गंभीर संकट को देखते हुए पावरकॉम ने अपने दोनों थर्मलों रोपड़ व लहरा मुहब्बत को पूरी तरह से बंद कर दिया। इन थर्मल प्लांट के आठ यूनिट हैं, जिनसे करीब 1760 मेगावाट बिजली मिलती है।
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