इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
Punjab Congress पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। उनसे नाराज 40 विधायकों ने कुछ दिन पहले पार्टी आलाकमान को पत्र लिखा था जिस पर आलाकमान ने आज शाम बैठक बुलाई है। चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में कांग्रेस आलाकमान ने पांच बजे विधायक दल की यह बैठक होगी। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने देर रात कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर बैठक की जानकादी दी। लगातार सीएम कैप्टन के खिलाफ नाराजगी को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि उनकी कुर्सी खतरे में है। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद रहेंगे और पूरी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेजेंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक हाईकमान के 18 सूत्रीय फॉमूर्ले को लेकर है, लेकिन बागियों के रुख को देखकर साफ है कि इसके जरिए कैप्टन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। बागी ग्रुप की तरफ से हरीश रावत पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। ऐसे में आज की बैठक के लिए दो पर्यवेक्षक भेजे जा रहे हैं, ताकि बाद में किसी को सवाल उठाने का मौका न मिले।
नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के बाद से ही कांग्रेस में खींचतान बढ़ गई थी। खासतौर से कैप्टन के विरोधी गुट ने दूसरी बार मोर्चा खोल दिया है, जबकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस चाहेगी कि जल्द से जल्द इस मामले को सुलझा लिया जाए। हालांकि कैप्टन के खिलाफ बगावत का हर दांव अभी तक फेल रहा है। ऐसे में अब सिद्धू खेमा पूरा जोर लगाएगा कि आज की बैठक में ही कैप्टन को कुर्सी से हटाने का फैसला हो जाए। बागी ग्रुप अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भारी पड़ा और उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी तो पंजाब कांग्रेस के सामने बड़ा सवाल ये भी होगा कि कमान किसे सौंपी जाए। पंजाब में अभी मुख्यमंत्री और पार्टी प्रधान (सिद्धू) दोनों ही सिख चेहरे हैं। इससे हिंदू और सिखों के तालमेल का सियासी गणित गड़बड़ाया हुआ है। ऐसे में चर्चा है कि क्या किसी हिंदू चेहरे को 5 महीने के लिए उट की कुर्सी दी जा सकती है?
कांग्रेस विधायक दल की बैठक का पता चलने के बाद कैप्टन ने भी अपने करीबी विधायकों की बैठक बुलाई है। सिसवां फार्म हाउस पर विधायकों को बैठक के लिए बुलाया गया है। माना जा रहा है कि कैप्टन ये स्ट्रैटजी बनाने में जुटे हैं कि अगर बागी ग्रुप अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो उससे कैसे निपटा जाए। पूर्व प्रधान लाल सिंह भी इन दिनों कैप्टन के करीबी बने हुए हैं। उधर सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी लंबे समय से कुर्सी पाने की कोशिश कर रहे हैं। इनके अलावा राजिंदर कौर भट्ठल पर भी नजरें टिकी हैं जो पहले ही उट रह चुकी हैं।
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