इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Congress Organization Will Be Reshuffled: अभी हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न हुए, जिसमें चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और एक राज्य में आम आदमी पार्टी ने सत्ता संभाली। लेकिन कांग्रेस इन पांचों राज्यों में एक भी जगह पर नहीं आ पाई। इसी हार के चलते अब कांग्रेस में सर्जरी की तैयारी चल रही है। कहा जा रहा है कि आने वाले 15 दिन के अंदर कांग्रेस काफी बड़े बदलाव कर सकती है। तो चलिए जानते हैं कांग्रेस पार्टी आगामी विधानसभा चुनावी राज्यों के लिए किस तरह की तैयारियों पर जोर दे रही है।
क्या महासचिव-सचिवों को बदला जाएगा? (Congress Organization Will Be Reshuffled)
विधानसभा चुनाव 2022 में (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर) में कांग्रेस हार के बाद नए पीसीसी चीफ बनाने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से कुछ राज्यों के महासचिव और सचिवों को भी बदलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना काम शुरू कर दिया है। जमीन पर कांग्रेस को मजबूती देने की रणनीति तैयार की जा रही है। सूत्रों अनुसार 10 से 15 फीसदी तक नए महासचिव बनाए जाएंगे, जबकि 20 से 25 फीसदी नए सचिव बनाए जाएंगे। पुराने पदाधिकारियों को हटाने की तैयारी चल रही है।
क्या गुजरात में कांग्रेस को मजबूती से खड़ा कर पाएंगे रघु शर्मा?
Raghu Sharma
गुजरात में इस साल नवंबर में चुनाव होने हैं। वहां भाजपा के मजबूत किले को भेदना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। गुजरात को लेकर कांग्रेस की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है कि वहां संगठन को मजबूत करने के लिए 25 नए उपाध्यक्ष, 75 महासचिव और 17 शहर और जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। कुछ माह पहले ही पार्टी ने राजस्थान के रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया है। अब देखना यह होगा कि रघु शर्मा किस तरह से कांग्रेस पार्टी को खड़ा करने में सफल हो पाते हैं और चुनाव में कांग्रेस को कितनी माइलेज दिला पाते हैं।
कांगेस संगठन को मजबूत करने के लिए क्या कर रही? (Congress Organization Will Be Reshuffled)
- आगामी विधानसभा चुनावों की लिस्ट में शामिल हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत तमाम अन्य राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस आलाकमान के स्तर पर नई रणनीति पर काम चल रहा है। इसमें मुख्य रूप से हर राज्य में संगठन के अंदर नेताओं के आपसी टकराव को खत्म करने पर फोकस है।
- पंजाब और उत्तराखंड में जिस तरह से कांग्रेस की हार हुई है, उसकी सबसे बड़ी वजह संगठन में आपसी टकराव को माना जा रहा। चुनावी राज्यों में ये वाकया दोबारा न हो, इसके लिए पार्टी के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल शायद ही ऐसा कोई राज्य हो, जहां कांग्रेस में नेताओं के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई न हो। इसका सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हो रहा है।
- इस सिलसिले में पिछले दिनों दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक कर गुटबाजी खत्म करने की नसीहत दी थी। वहीं, बीते कल राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं से मुलाकात कर अपील की कि आपसी तकरार खत्म करके पार्टी के लिए एकजुट होकर काम करें। फिलहाल हर नेताओं को अपना व्यक्तिगत एजेंडा दरकिनार करने के लिए नसीहत दी गई है, जिससे पार्टी को राज्य में फिर खड़ा करने में मदद मिले।
क्यों छत्तीसगढ़ को बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती है? (Congress Organization Will Be Reshuffled)
- छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की सरकार है। 15 साल से जमी भाजपा की रमन सरकार को हटाकर कांग्रेस पूरे बहुमत से सत्ता में आई थी, लेकिन यहां भी कांग्रेस गुटबाजी से अछूती नहीं है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव गुट के बीच विवाद दिल्ली दरबार तक पहुंचा है।
- 2018 में बघेल के कांग्रेस के प्रदेश रहते हुए पार्टी ने लंबे समय के बाद सत्ता में वापसी की, लेकिन सीएम पद के लिए टीएस सिंहदेव गुट अपना दावा ठोकते रहे। इस विवाद को खत्म कराने में कांग्रेस आलाकमान ने पुरजोर कोशिश की है और ये एक्सरसाइज लगातार जारी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को बचाना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
क्या राजस्थान में दोबारा सत्ता में आएगी कांग्रेस?
Sachin Pilot and Ashok Gehlot
- कांग्रेस के लिहाज से राजस्थान बेहद महत्वपूर्ण राज्य है, लेकिन इस राज्य में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच टकराव पिछले तीन साल से लगातार चल रहा है। इस टकराव को समाप्त करने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से बार-बार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
- पायलट के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने सत्ता में वापसी की, लेकिन लंबे समय से वे सरकार और संगठन में नहीं हैं, जबकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तब के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन पायलट को उस मापदंड से बाहर किया गया। कहते हैं कि पिछले दो दशक से अधिक समय से यहां हर पांच साल पर सरकार बदलने की परम्परा रही है। ऐसे में कांग्रेस यहां दोबारा सत्ता में आने के लिए क्या कदम उठा रही है ये तो समय ही बताएगा।
क्या कमलनाथ के पास नहीं रहेगी कांग्रेस संगठन की जिम्मेदारी?
Kamal Nath
- आपको बता दें कि दिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान अभी कमलनाथ के पास है। वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। चर्चा है कि आने वाले दिनों में कमलनाथ के पास केवल एक जिम्मेदारी रहेगी।
- कांग्रेस संगठन की जिम्मेदारी किसी नएव्यक्ति को दी जाएगी, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी में नया जोश भरा जा सके और कांग्रेस भाजपा से मुकाबला कर सके। वहीं साल 2020 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया से टकराव के कारण कमलनाथ को अपनी सरकार गंवानी पड़ी थी।
Congress Organization Will Be Reshuffled
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