इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Punjab Politics: पंजाब की राजनीति विशेषकर कांग्रेस में भूकंप लाने वाले नवजोत सिद्धू का दांव अब उलटा पड़ता दिख रहा है। उन्हें अब कांग्रेस के दिग्गज ही निशाना बना रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी के सुर आज पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलते नजर आए। उन्होंने कहा कि सिद्धू के इस्तीफे के बाद इस सीमाई प्रांत में जैसी राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई है,
उससे सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान और उसके यहां पल रहे आतंकी संगठन ही खुश होंगे। इस्तीफे के बाद सिद्धू अब अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब के लिए नया अध्यक्ष तलाशना शुरू कर दिया है। अलग सिद्धू को छोड़कर पार्टी ने आगे बढ़ने का मन बनाया है। इधर सिद्धू कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। उनके खिलाफ नेताओं ने ट्वीट करना शुरू कर दिया है।
सिद्धू के इस्तीफे पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तत्काल ट्वीट किया मैंने पहले ही बताया था… वह एक स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब जैसे बॉर्डर वाले राज्य के लिए ठीक नहीं है।
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी सिद्धू को निशाने पर लेते हुआ कहा कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई, वह पंजाब के समझ नहीं पाए। उन्होंने कहा, मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी, वो पंजाब को समझ नहीं पाए… चुनाव एक पहलू है पर राष्ट्रहित दूसरा पहलू है। पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की जरूरत है।
मनीष तिवारी ने आगे कहा कि पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।
पंजाब में कांग्रेस का संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। सिद्धू को इसी साल 23 जुलाई को राज्य में पार्टी की कमान सौंपी गई थी। कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल, कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी इस्तीफा दे दिया है। पंजाब कांग्रेस के महासचिव योगेंद्र ढींगरा सिद्धू के समर्थन में इस्तीफा देने वाले तीसरे बड़े नेता हैं। कहा जा रहा है कि दो-तीन और कैबिनेट मंत्री भी पद छोड़ सकते हैं।
(Punjab Politics)
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