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Rajasthan By Election 2024: बीजेपी में ‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए CM भजनलाल ने खुद संभाली कमान, बनाया ये खास प्लान

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : October 22, 2024, 4:54 pm IST

India News RJ(इंडिया न्यूज),Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा में बगावत शुरू हो गई है। भाजपा ने 7 में से 6 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इनमें से चार सीटों पर खुली बगावत सामने आ गई है। पार्टी को देवली-उनियारा, झुंझुनूं और रामगढ़ सीट पर स्थानीय नेताओं के सबसे ज्यादा बगावती तेवरों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सलूंबर से बगावती तेवर अपनाने वाले नरेंद्र मीना को मना लिया गया है।

दरअसल, टिकटों की घोषणा के बाद से ही भाजपा में बगावत और मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मजबूत बागियों को मनाने की कमान संभाल ली है। कुछ सीटों पर बागियों को मनाने के दावे किए जा रहे हैं, तो कुछ सीटों पर डैमेज कंट्रोल का दौर चल रहा है।

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सीएम ने संभाली डैमेज कंट्रोल की कमान

बता दें, इन चुनावों में सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। क्योंकि मुख्यमंत्री पद संभालने के 10 महीने बाद पहला उपचुनाव होने जा रहा है। एक तरह से यह सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। ऐसे में उपचुनाव का नतीजा सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा भी होगा। इसलिए सीएम भजनलाल शर्मा ने खुद चुनाव की कमान संभाल ली है।

इसी कड़ी में सीएम नाराज नेताओं को मनाने में जुटे हैं। उन्होंने टिकट न मिलने से नाराज नरेंद्र मीना से मुलाकात की और उनकी नाराजगी दूर की। सीएम से मुलाकात के बाद नरेंद्र मीना ने कहा कि मैं पार्टी के लिए समर्पित हूं और पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी मेहनत करूंगा। आपको बता दें कि सलूंबर से टिकट न मिलने के बाद दावेदार नरेंद्र मीना रविवार को अपने समर्थकों के बीच पहुंचे और अपने भाषण के दौरान फूट-फूट कर रोने लगे।

सीएम ने बनाई ये रणनीति

टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे बागी नेताओं के लिए सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मिलकर तय किया है कि सभी सीटों के प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को यह टास्क दिया गया है कि हर सीट पर एक भी बागी न हो। इसके लिए झुंझुनूं में प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, देवली-उनियारा में मंत्री हीरालाल नागर और रामगढ़ में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेताओं को पर्दे के पीछे से बागियों को मनाने की जिम्मेदारी भी दी गई है।

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