India News (इंडिया न्यूज)Jaisalmer Viral Video: जैसलमेर के मोहनगढ़ में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान जमीन से अचानक पानी निकलने की घटना चर्चा का विषय है। यह उस इलाके में हुआ जो विलुप्त सरस्वती नदी का क्षेत्र है। गड्ढे से लगातार पानी निकलने और गैस रिसाव के कारण प्रशासन ने आसपास लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। घटना के दूसरे दिन यानी रविवार को ओएनजीसी के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। बड़ी बात यह है कि ट्यूबवेल की खुदाई में इस्तेमाल ट्रक और मशीन भी इसमें डूब गई। इस घटना को देखकर आसपास के ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। फिलहाल आसपास के घरों को खाली करने को कहा गया है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की हिदायत दी गई है।
खेत मालिक विक्रम सिंह भाटी ने बताया कि 700 फीट से ज्यादा ट्यूबवेल खोदने के बाद अचानक नीचे से पानी दिखाई देने लगा और कुछ ही सेकंड में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देने लगा। जिस मशीन से ट्यूबवेल खोदा जा रहा था, वह ट्रक भी पूरी तरह डूब गया। पानी के लगातार बहाव के कारण दो कच्चे मकान भी पानी से भर गए। पड़ोसियों को बुलाकर सामान बाहर निकाला गया।
भूजल वैज्ञानिक नारायण दास का कहना है कि ये अभेद्य चट्टानें धरती के पानी को दबा रही हैं। इनके टूटने से जमीन में दबा पानी अब दबाव के साथ बाहर आ रहा है। यहां से निकल रहे पानी में इतना दबाव है कि पानी आठ से दस फीट की ऊंचाई तक आ रहा है।
भूविज्ञान में इसे आर्टेसियन स्थिति कहते हैं। यह कोई सामान्य घटना नहीं है। यह स्थिति कई दिनों तक बनी रह सकती है। जिस इलाके में यह घटना हुई है, वह विलुप्त सरस्वती नदी का इलाका बताया जाता है।
उधर, जमीन से निकल रही पानी की तेज धारा और गैस रिसाव के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। जैसलमेर के जिला मजिस्ट्रेट प्रताप सिंह नाथावत ने एक आदेश जारी कर खतरनाक स्थिति की आशंका को देखते हुए 27 बीडी के आसपास के इलाके में आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। ऐसे में घटना स्थल के आसपास के 500 मीटर के इलाके में अगले आदेश तक लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी।
दूसरी ओर, जांच के लिए आई ओएनजीसी और केयर्न एनर्जी की टीम ने जमीन से निकल रहे पानी और गैस के सैंपल लिए हैं। ओएनजीसी के एक अधिकारी ने बताया कि ऑयल इंडिया की टीम के विशेषज्ञों के आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना स्थल पर प्राकृतिक गैस निकल रही है, जिसमें संभवतः हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है। हम लगातार हवा में गैस की सीमा की जांच कर रहे हैं, क्योंकि अगर हवा में गैस की सीमा एलईएल और एचईएल के बीच है, तो आग लगने की संभावना हो सकती है। वहीं, अगर यह एलईएल से नीचे या एचईएल से ऊपर है, तो आग लगने की संभावना न के बराबर है। इसे रोकने के लिए ऑयल इंडिया की टीम मशीनरी लेकर आएगी।
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