India News (इंडिया न्यूज़), Ajmer Dargah: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद का विवाद अभी भी सुर्खियों में है। इसी बीच राजस्थान की अजमेर दरगाह भी सुर्खियों में बनी हुई है। अजमेर की प्रसिद्ध मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह को लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसमें दावा किया गया है कि दरगाह में एक शिव मंदिर भी है। इस मामले में अजमेर की एक अदालत ने दरगाह समिति को नोटिस जारी किया है।
दावा करने वाले पक्ष का क्या कहना है?
दावा करने वाले पक्ष का कहना है कि दरगाह को “संकट मोचन महादेव मंदिर” घोषित किया जाए और हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाए। इसके अलावा, उन्होंने मांग की है कि दरगाह का सर्वेक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाए और यदि वहां किसी प्रकार का पंजीकरण है, तो उसे रद्द किया जाए। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की है।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने जताई चिंता
इस विवाद पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “चिंताजनक। नया दावा: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर। हम देश को कहां ले जा रहे हैं? और क्यों? क्या राजनीतिक लाभ के लिए?” कपिल सिब्बल ने इस मामले को राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास बताते हुए नाराजगी व्यक्त की है।
यह विवाद कब सामने आया?
यह विवाद उस समय सामने आया है जब उत्तर प्रदेश के संभल में पहले ही मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर हिंसा भड़क चुकी है, जिसमें चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। संभल में एक स्थानीय अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है, जिसका दावा है कि यह मस्जिद एक पुराने मंदिर को नष्ट करके बनाई गई थी। इस तरह के विवादों और अदालतों में चल रही सुनवाईयों ने पूरे देश में साम्प्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे देश की सामाजिक और धार्मिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।