राजस्थान

अजमेर दरगाह को लेकर मदन दिलावर का बड़ा दावा, बोले- “मिल सकते है मंदिर के अवशेष”

India News (इंडिया न्यूज़),Ajmer Dargah: राजस्थान में अजमेर दरगाह का मामला लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। इसको लेकर हिन्दू-मुस्लिम संगठनों के बीच जंग छिड़ चुकी है। अजमेर दरहाग पहले शिव मंदिर था या नहीं इसे लेकर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इसी बीच फिर एक प्रतिक्रिया ने लोगों को ध्यान अपनी ओर खीच लिया है।  बता गें कि, अब  राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपने दावे में क्या कहा है जिसका कारण घमासान शुरू हो चुका है चलिए जानते है?

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान

अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर चल रहे विवाद ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में गरमाहट बढ़ा दी है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता के दावों ने इस मुद्दे को और चर्चा में ला दिया है, जबकि विपक्षी दलों और अन्य नेताओं ने इन बयानों की कड़ी आलोचना की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि अजमेर दरगाह के नीचे मंदिर के अवशेष मिलने की पूरी संभावना है। उनका कहना है कि देश में कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें और अन्य धार्मिक स्थल बनाए गए हैं। उन्होंने इस मुद्दे को “ऐतिहासिक न्याय” के नजरिए से देखा और कहा कि यह जांच का विषय है।
हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि दरगाह के नीचे शिव मंदिर है। गुप्ता ने अपनी याचिका में तीन प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, जिनमें रिटायर्ड जज हरबिलास शारदा की किताब में दिए गए तथ्यों का हवाला दिया गया है। उनका कहना है कि 800 साल पहले यहां महादेव मंदिर था, जहां ब्राह्मण दंपत्ति पूजा करते थे। अदालत ने इस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए स्वीकार कर लिया है, और 19 नवंबर को इस मामले की सुनवाई हो चुकी है।

विपक्ष और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

इससे पहले  असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) ने इन दावों को बेबुनियाद बताया था।  ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या इसी तरह हर धार्मिक स्थल की खुदाई होगी। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर कोई पीएम हाउस के नीचे मस्जिद का दावा करे तो क्या वहां खुदाई कराई जाएगी।

अशोक गहलोत (पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस)

गहलोत ने कहा कि भारत में 1947 के बाद से यह कानून लागू है कि धार्मिक स्थलों की स्थिति को उसी रूप में बनाए रखा जाएगा। उन्होंने कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार करने पर भी सवाल उठाए और इसे गलत ठहराया। यह विवाद न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी विभाजन का कारण बन रहा है। फिलहाल सभी लोग न्यायालय की सुनवाई और फैसले का इंतजार किया जा रहा है। इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
Poonam Rajput

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