India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Anupgarh News: अनूपगढ़ का सरकारी अस्पताल करीब 20 साल से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। पिछले एक सप्ताह से अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल में मात्र दो डॉक्टर ही कार्यरत हैं, जबकि सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के 12 पद स्वीकृत हैं। डॉ. मुरलीधर कुमावत ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से वे और डॉ. सिमरन ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 700 से 800 मरीजों की ओपीडी होती है और इसके अलावा वे इमरजेंसी और एमएलसी भी देख रहे हैं।
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डॉ. मुरलीधर कुमावत ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में विभाग को तीन बार डॉक्टरों की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग को लेकर पत्र भेजा जा चुका है। लेकिन विभाग की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। मरीजों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए उन्हें 2 घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ता है। कई बार मरीजों को अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल से बिना इलाज के ही लौटना पड़ता है। आपको बता दें कि राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर अनूपगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री हैं। लेकिन फिर भी अनूपगढ़ जिला स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़ा हुआ है।
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डॉ. मुरलीधर कुमावत ने बताया कि अनोखी के सरकारी अस्पताल में इस समय कोई प्रभारी नहीं है। उन्होंने बताया कि डॉ. संजौली सोनी 14 अगस्त से 48 दिन के लिए चाइल्ड केयर लीव पर हैं। डॉ. राहुल जैन 13 सितंबर से 2 अक्टूबर तक और डॉ. मनीष 15 सितंबर से 28 सितंबर तक मेडिकल लीव पर हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में हर रोज 700 से 800 ओपीडी हो रही है। लेकिन इस अस्पताल में सिर्फ दो डॉक्टर ही कार्यरत हैं। डॉ. मुरलीधर कुमावत ने बताया कि वे पिछले 6 दिनों से लगातार 24 घंटे ड्यूटी पर हैं। डॉ. सिमरन ओपीडी के साथ-साथ लेबर रूम भी संभाल रही हैं।
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अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल से बाहर आए तीन मरीजों ने बताया कि वे लगातार 2 घंटे से कतार में खड़े हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण कतार लंबी है। इसलिए वे परेशान हैं क्योंकि उनकी बारी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि अब वे निजी अस्पताल में इलाज करवाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन व सरकार की लापरवाही के कारण गरीब लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में आए हरप्रीत सिंह ने कहा कि भाजपा के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर अनूपगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्हें प्रभारी मंत्री बनाया गया था तो यहां के लोगों को उम्मीद थी कि अब अनूपगढ़ जिले में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर होंगी, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने की बजाय और बदतर हो गई हैं। सीएमएचओ गिरधारी लाल मेहरड़ा ने कहा कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ जिले के सरकारी अस्पतालों में यूटीबी पर डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
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