India News (इंडिया न्यूज़),Batool Begum: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या मांड गायिका बतूल बेगम को पद्म श्री देने की घोषणा की गई। इस मौके पर बतूल बेगम ने इंडिया न्यूज़ से खास बातचीत की। बतूल बेगम ने कहा कि इस बड़े मौके पर मैं केंद्र सरकार, राजस्थान सरकार और मेरे परिवार सहित सभी जनता का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं। बतूल बेगम ने कहा कि जब मैं 8 साल की थी तब स्कूल जाया करती थी इस दौरान रास्ते में एक मंदिर पड़ता था। वहां पर मेरी सभी दोस्त भजन गाया करती थी। वहां से मैंने भजन की शुरुआत की थी और मांड गायिका में कदम रखा।
उन्होंने कहा कि इस कला को जिंदा रखने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। जो अवार्ड मुझे मिला है इसके लिए सबसे पहले मैं मेरे पति फिरोज खान सहित अन्य लोगों का धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे हर समय सहयोग किया। बतूल बेगम ने कहा कि महिलाओं को यही संदेश दूंगी कि अपनी कला को पहचाने और उसको पूरा करने के लिए अपनी की जान लगा दे। यदि कोई भी इस कला को सीखना चाहता है तो मैं उसको सिखाऊंगी।
इंडिया न्यूज़ से खास बातचीत
वहीं बतूल बेगम के पति फिरोज खान ने इंडिया न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि मैं मेरी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता केंद्र सरकार सहित सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। बता दें कि बतूल बेगम हिंदू भजन और मांड गायन कर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2022 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
कौन है बतूल बेगम
बतूल बेगम जयपुर की मशहूर मांड और भजन लोकगायिका हैं, जो राजस्थानी लोकगीत गाने में माहिर हैं। वह मिरासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने छोटी-छोटी सभाओं से लेकर वैश्विक मंचों तक के अपने जीवन सफर में खूब नाम कमाया है। बताया जाता है कि जब वह 8 साल की थीं, तब उन्हें केराप के एक गांव में भजन गाने का शौक हुआ। तब से वह इससे जुड़ गईं। मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद उन्होंने गणपति और राम भजन गाकर रूढ़िवादिता को तोड़ा।
महज 5वीं क्लास तक पढ़ाई
बतूल बेगम ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं। उन्होंने महज 5वीं क्लास तक पढ़ाई की है, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपनी कला के दम पर देश-विदेश में नाम कमाया है। उनकी शादी भी बेहद कम उम्र में हो गई थी। 16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। उनके पति रोडवेज में कंडक्टर थे। शादी के बाद उनके तीन बेटे हुए, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्होंने गायकी नहीं छोड़ी। उन्होंने ‘बॉलीवुड क्लेज़मर’ (एक अंतरराष्ट्रीय फ्यूजन लोक संगीत बैंड जिसमें विभिन्न धर्मों के कलाकार विभिन्न संस्कृतियों के फ्यूजन पारंपरिक संगीत का प्रदर्शन करते हैं) के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव और संस्कृति को बढ़ावा दिया। वर्ष 2021 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नारी शक्ति पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा उन्हें कई विदेशी सरकारों से भी सम्मान मिल चुका है।