India News RJ(इंडिया न्यूज)Dausa Assembly by-election : दौसा विधानसभा उपचुनाव में भाई जगमोहन मीना की हार पर किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि 45 साल हो गए हैं। राजनीतिक सफर में मैंने सभी वर्गों के लिए लड़ाई लड़ी। जनहित में सैकड़ों आंदोलन किए। हिम्मत से लड़ा। बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं। आज भी जब बादल छाते हैं तो पूरा शरीर दुखने लगता है। मीसा से लेकर जनता के लिए दर्जनों बार जेल की सलाखों के पीछे रहा।

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ग़द्दारों ने मेरे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला

किरोड़ी ने कहा कि मैंने संघर्ष की इसी मजबूत नींव और मजबूत आधार के आधार पर दौसा उपचुनाव लड़ा। मैंने अपने संघर्ष की कहानी जनता के सामने रखी। घर-घर जाकर वोट की भीख मांगी। तब भी कुछ लोग नहीं माने। अगर गद्दारों ने मेरे सीने पर बाण बरसाए होते तो मैं अपने दिल में दर्द को दबा कर सब कुछ दफन कर देता, लेकिन वे मेघनाथ बन गए और लक्ष्मण की तरह मेरे भाई पर सत्ता का बाण चला दिया।

भाई जगमोहन की हार पर किरोड़ी लाल हताश

साढ़े चार दशक के संघर्ष से मैं न तो हताश हूं और न ही निराश। हार ने मुझे सबक जरूर सिखाया है, लेकिन मैं विचलित नहीं हूं। मैं संघर्ष की इस राह पर आगे भी चलने के लिए कृतसंकल्प हूं। गरीब, मजदूर, किसान और हर पीड़ित व्यक्ति की सेवा का व्रत मैं कभी नहीं छोड़ सकता, लेकिन मेरे दिल में एक दर्द है। यह बहुत गहरा है और हर पल मुझे पीड़ा देता है।

जिस भाई ने जीवन भर छाया की तरह मेरा साथ दिया, मेरे हर दर्द को कम किया, जब कर्ज चुकाने का मौका आया तो कुछ जयचंदों के कारण मैं उनका कर्ज नहीं चुका सका। मेरी एक ही कमी है कि मैं चापलूसी नहीं करता और इसी प्रवृत्ति के कारण मुझे अपने राजनीतिक जीवन में बहुत कष्ट झेलने पड़े हैं। मैं स्वाभिमानी हूं। जनता के लिए अपनी जान जोखिम में डाल सकता हूं। बाहर वालों में दम नहीं था, हमेशा अपनों से ही पिटता रहा हूं। बता दें, दौसा में विधानसभा उपचुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा ने 2100 वोटों से जीत दर्ज की है।

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