India News (इंडिया न्यूज),CM Bhajan Lal Sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 22 जनवरी को राज्य की संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का नाम बदल दिया गया है। चालिए आगे जानते हैं इस परियोजना को किस नाम से जाना जाएगा।
क्या है ये ‘रामजल सेतु लिंक परियोजना’
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान और मध्य प्रदेश की समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस परियोजना का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी के नदियों को जोड़ने के सपने को साकार करना है। मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के पूरा होने से राज्य की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इसके अलावा, यह परियोजना जल संकट को दूर करने और कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यहां जानें क्या होगी नई पहचान
आपको बता दें कि परियोजना का नाम बदलकर अब इसे ‘रामजल सेतु लिंक परियोजना’ कर दिया गया है। इस लिंक परियोजना के तहत, चंबल और इसकी सहायक नदियों जैसे कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध और मेज का अधिशेष वर्षा जल, बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पर्वतनी और गंभीर नदी बेसिनों में भेजा जाएगा। इससे इन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जाएगा। मुख्यमंत्री शर्मा ने इस नामकरण को एक ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने समुद्र पर पुल बनाकर सत्य की जीत के लिए एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ा था। उन्होंने इस परियोजना को श्रीराम के पुल बनाने के दृष्टिकोण से प्रेरित बताया, जो नदियों को जोड़ने के उद्देश्य से की जा रही है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नदियों के जल का अधिकतम उपयोग करना है, ताकि राजस्थान और मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट का समाधान हो सके और कृषि गतिविधियाँ सशक्त हो सकें।
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