India News (इंडिया न्यूज़),CM Bhajanlal Sharma: प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने राजस्थान पैवेलियन के लिए भूखंड आवंटित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री शर्मा का कहना है कि ऐसा होने से राजस्थान से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए विश्राम, जलपान और चिकित्सा जैसी सुविधाएं सुलभ होंगी।
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि यह पहल श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी बेहतर बनाएगी और देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी। राजस्थान सरकार की इस पहल का उद्देश्य कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं करना और उनकी यात्रा को सहज और सुविधाजनक बनाना है। यूपी सरकार से इस पर सकारात्मक सहयोग मिलने की संभावना है।
2025 में होने वाले महाकुंभ मेले की कहां तक पहुंची तैयारी
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस मेले में पवित्र नदियों में स्नान करने से उनके पाप धुल जाते हैं और आत्मा को शुद्धता प्राप्त होती है।
महाकुंभ मेला 2025 की जानकारी
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था। महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा।
- शाही स्नान की तिथियां:14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति
- 17 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा
- 29 जनवरी 2025: माघ अमावस्या (मुख्य स्नान)
- 9 फरवरी 2025: माघी पूर्णिमा
- 17 फरवरी 2025: बसंत पंचमी
- 22 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि
महाकुंभ हर 12 साल में ही क्यों होता है?
महाकुंभ का आयोजन ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर किया जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, गुरु ग्रह (बृहस्पति) जब सिंह राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में होता है, तब कुंभ का योग बनता है। यही स्थिति हर 12 वर्षों में आती है। प्रयागराज को “तीर्थराज” यानी तीर्थों का राजा कहा जाता है। यह स्थान गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है। मान्यता है कि अमृत कलश से कुछ बूंदें यहां गिरने के कारण यह स्थान पवित्र हो गया।
योगी सरकार की तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 के महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निम्न व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पवित्र स्नान के लिए घाटों का विस्तार। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट सिटी और विश्राम स्थल। चिकित्सा सुविधाओं, सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान। महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा।