India News RJ (इंडिया न्यूज़), Diwali 2024:   दिवाली खुशियों का त्योहार है। लोग अपने घरों और दुकानों को सजाने के बाद मां लक्ष्मी की पूजा कर समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन पूरे भारत में आतिशबाजी की परंपरा है। पटाखे फोडने की परंपरा से आग लगने जैसी घटनाओं के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। लेकिन इसके बाद भी लोग पटाखे फोड़ते है।

पटाखों ने छीनी आंखों की रोशनी

राजस्थान की बात करें तो यहां भी 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई गई दिवाली पर आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पहुंचे 80 मरीज राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दिवाली के दिन आतिशबाजी के कारण 80 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसमें से 10 मरीज ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर है। वहीं करीब आधा दर्जन बच्चों की आंखों की रोशनी बुरी तरह प्रभावित हुई है।

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एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ ने क्या कहा?

एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में दिन-रात ओटी खुला रखकर ऑपरेशन किए गए। दिवाली के दिन करीब 80 मरीज पहुंचे जो आग में गंभीर रूप से झुलस गए थे। इनमें से करीब 10 मरीजों की हालत गंभीर है। आंखों में बारूद घुसने से 6 बच्चों की रोशनी प्रभावित हुई है। एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने आगे बताया कि आंखों में बारूद घुसने से 6 बच्चों की रोशनी प्रभावित हुई है। डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद भी 10 फीसदी रोशनी वापस आने की उम्मीद है। बच्चों की आंखों की रोशनी लगभग जा चुकी है। उन्होंने बताया कि झुंझुनूं के यश, धौलपुर की भावना, नागौर के राजकुमार समेत अन्य बच्चों की आंखों की रोशनी चली गई है।

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