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Dussehra 2024: अनोखा दशहरा! यहां रावण के पुतले को पत्थर से मारते हैं लोग, जानें वजह

Poonam Rajput • LAST UPDATED : October 12, 2024, 2:25 pm IST

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Dussehra 2024:  भारत में दशहरा का त्योहार विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, और हर स्थान की अपनी विशिष्ट परंपराएं होती हैं। राजस्थान के कोटा शहर में रावण दहन से पहले एक अनूठी परंपरा निभाई जाती है, जिसमें रावण के पुतले पर कंकर (पत्थर) फेंके जाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसका सांस्कृतिक महत्व है। लोग मानते हैं कि ऐसा करने से बुराई का नाश होता है और लोगों की बुरी इच्छाओं का अंत होता है। यह आयोजन दशहरे के दिन बड़े उत्साह के साथ किया जाता है, जिसमें भारी भीड़ एकत्रित होती है।

कोटा की इस परंपरा के साथ ही, देश के कई अन्य हिस्सों में भी रावण दहन के अलग-अलग और रोचक तरीके अपनाए जाते हैं। कुछ स्थानों पर रावण के पुतले को जलाने के बजाय उसे रौंदने की परंपरा भी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ गांवों में, रावण का पुतला नहीं जलाया जाता, बल्कि उसे प्रतीकात्मक रूप से रौंदा जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश दिया जाता है।

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हर क्षेत्र में रावण दहन के साथ जुड़ी इन विशेष परंपराओं का उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत और सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ावा देना होता है। चाहे कोटा में कंकर फेंकने की परंपरा हो या अन्य जगहों पर पुतला रौंदने की, यह सब उत्सव को खास बनाते हैं और लोगों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हैं।

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