India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: डूंगरपुर जिले में एक गर्ल्स हॉस्टल में सरकारी अधिकारी के ठहरने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। यह घटना तब सुर्खियों में आई जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने हॉस्टल में पहुंचकर इसका विरोध किया। मामला बढ़ने पर अधिकारी को रात में ही हॉस्टल छोड़ने के निर्देश दिए गए अब इस मामले में अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

गर्ल्स हॉस्टल में तीन दिन से रुके थे अधिकारी

घटना वसुंधरा विहार कॉलोनी के सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल की है, जहां समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान तीन दिनों से ठहरे हुए थे। शिकायत के अनुसार, जिले में समाज कल्याण विभाग के दो बॉयज हॉस्टल मौजूद होने के बावजूद अधिकारी ने गर्ल्स हॉस्टल में रुकने का विकल्प चुना।

उत्तर प्रदेश व देश के विकास में पर्वतीय समाज की बड़ी भूमिका, बोले CM योगी

डीएम ने रात में ही हॉस्टल से निकाला

डूंगरपुर के कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार आधी रात को शिकायत मिलने के बाद पुलिस को तुरंत छात्रावास भेजा गया। पूछताछ में अशफाक खान ने कहा कि वह डूंगरपुर में नए स्थानांतरित हुए हैं और अस्थायी रूप से ठहरने के लिए हॉस्टल में रुक गए थे। हालांकि, डीएम ने इसे अनुचित मानते हुए अधिकारी को तुरंत हॉस्टल से बाहर निकलने का आदेश दिया।

कारण बताओ नोटिस जारी

इस मामले में अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीएम ने कहा कि अशफाक खान के इस कदम ने समाज कल्याण विभाग की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हॉस्टल की छात्राओं और अभिभावकों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसे अनुशासन और सुरक्षा का उल्लंघन बताते हुए अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है।