India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News:  राजस्थान के भरतपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिसने समाज को ये सवाल पूछने पर मजबूर कर दिया कि आखिर एक मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है। वो अपनी कोख से जन्मी बच्ची को सुनसान जंगल में मरने के लिए कैसे छोड़ सकती है। क्योंकि शनिवार को भरतपुर में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने ममता को शर्मसार कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

बताते चले कि, जिले के चिकसाना थाना इलाके में अपना घर आश्रम मोक्ष धाम के पास एक लावारिस बच्ची मिली थी। वहां से गुजर रहे युवक की नजरे जब बच्ची पर गई को युवक ने बच्ची की जान बचाई। युवक ने बच्ची को गोद में लिया और अपना घर आश्रम ले आया। जहां से उसने बाल कल्याण समिति और पुलिस को सूचना दी। साथ ही नवजात बच्ची को उपचार के लिए महिला चिकित्सालय शिशु आरंभ में भर्ती कराया गया है। बच्ची के रोने की आवाज जंगल से आ रही थी।

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बसंत लाल गुप्ता ने दी जानकारी

मामले की जानकारी देते हुए अपना घर के सच्चे बसंत लाल गुप्ता ने बताया कि यह घटना शनिवार शाम की है। उस समय उनके घर की गोशाला में सेवा करने वाला युवक लोकेश कुमार अपना काम खत्म कर लौट रहा था। जब वह अपना घर आश्रम के पास स्थित मोक्ष धाम के पास से गुजर रहा था तो उसे अचानक एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी। हालांकि एक पल के लिए वह डर गया, लेकिन हिम्मत जुटाकर वह उस स्थान पर गया, जहां से आवाज आ रही थी। वहां जो उसने देखा, उसे देखकर वह दंग रह गया। उसने देखा कि एक नवजात बालिका कपड़े में लिपटी हुई जमीन पर पड़ी थी।

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नवजात बालिका के साथ मौजूद युवक का वजन 3.4 किलोग्राम है। वह बालिका को उठाकर अपना घर आश्रम ले गया। अपना घर आश्रम ने इसकी सूचना चिकसाना थाना प्रभारी व बाल कल्याण समिति अधिकारी को दी। नवजात बालिका को उपचार के लिए जनाना अस्पताल के बाल रोग वार्ड में भर्ती कराया गया है। जनाना अस्पताल के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. हिमांशु गोयल ने बताया कि नवजात बालिका का वजन 3.4 किलोग्राम है। उसे निगरानी में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है।

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