राजस्थान

छात्रों के लिए मौत की फैक्ट्री बन चुके कोटा में ख़ुदकुशी के लिए लटके तो पंखा करेगा शोर

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश में कोटा की पहचान प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सेंटर के रूप में है। कोटा में देश भर के छात्र कोचिंग के लिए आते हैं। वहीँ यहां आत्महत्या के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के कारण यहां से छात्रों की आत्महत्या की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कोटा हॉस्टल असोसिएशन ने स्प्रिंग उपकरण और साइरन लगाने का फ़ैसला किया है।

मालूम हो, ज़्यादातर आत्महत्याएं सीलिंग फैन में फांसी लगाकर होती हैं। इससे बचाने के लिए अब पंखों में साइरन सेंसर लगाने का फ़ैसला किया गया है। इसके साथ ही इसमें एक स्प्रिंग डिवाइस भी लगेगा। अगर 20 किलोग्राम से ज़्यादा वजन इसमें लटकाने की कोशिश की जाएगी तो साइरन बजेगा। ऐसा पंखा होस्टल के सभी कमरों में लगाया जाएगा।

कोटा के डीएम ने एसोसिएशन का क़दम को बताया स्वागत योग्य

कोटा के डीएम रवि सुरपुर ने इस कहा है कि आत्महत्या के मामले में इस समस्या की जड़ तक जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा छात्र अवसाद और तनाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने एसोसिएशन द्वारा उठाये गए कदम को स्वागत योग्य बताया है।

कोटा, करियर और ख़ुदकुशी

कोटा होस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने पीटीआई को बताया, ”एसोसिएशन ने फ़ैसला लिया है कि सभी हॉस्टल में पंखों को गोपनीय स्प्रिंग उपकरण और साइरन सेंसर से जोड़ा जाएगा।” उन्होंने कहा, ”सीलिंग फैन में लगे गोपनीय स्प्रिंग उपकरण 20 किलोग्राम से ज़्यादा का भार सहन नहीं कर पाएगा। इसके अलावा गोपनीय सेंसर का अलार्म भी बजने लगेगा जिससे लोग सतर्क हो जाएंगे।”

इसके साथ ही कोटा के सभी हॉस्टल में दैनिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन भी लगाई जाएगी। इसे अभिभावकों के मोबाइल फ़ोन से भी जोड़ा जाएगा। हॉस्टल वार्डेन और अधिकारी अभिभावकों के मोबाइल पर एसएमएस भेजेंगे। 80 से 90 होस्टल में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी गई है। लगभग 500 से 550 हॉस्टल इस एसोसिएशन के साथ रजिस्टर्ड हैं। प्रवेश और एक्ज़िट सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा। मित्तल ने पीटीआई से कहा ये भी कहा कि हॉस्टल के गेट और कोचिंग के इलाक़े को भी सीसीटीवी कैमरे के दायरे में लाया जाएगा।

कोटा बना छात्रों के लिए मौत की फैक्ट्री

जानकारी दें, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक़ 45 छात्रों ने असफलता के कारण आत्महत्या की। पिछले साल 17 छात्रों ने ख़ुदकुशी की थी। राज्य सरकार ने भी आत्महत्या को रोकने के लिए ज़िला प्रशासन को कई दिशा-निर्देश दिए हैं। हाल के वर्षों में करीब 1.75 लाख छात्र कोटा आईआईटी की कोचिंग लेने पहुंचे हैं।

Ashish kumar Rai

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