India News (इंडिया न्यूज), Bhilwara News: भीलवाड़ा में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 108 एंबुलेंस की लापरवाही के कारण एक महिला मरीज की मौत हो गई। जवाहर नगर निवासी सुलेखा देवी ने घर में फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की थी। जानकारी के मुताबिक, उनके बेटे गौरव ने बताया कि उन्होंने मां को फांसी के फंदे से उतारा और सांसें चलती देख तुरंत 108 एंबुलेंस को बुलाया।
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रास्ता भटकने और ऑक्सीजन सपोर्ट की कमी
पूछताछ के दौरान परिजनों ने बताया कि, एंबुलेंस में मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं दिया गया, जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई। इसके अलावा, एंबुलेंस का ड्राइवर रास्ता भटक गया और महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचने में 20 मिनट की देरी हो गई। ऐसे में, अस्पताल पहुंचने के बाद एंबुलेंस का गेट लॉक हो गया, जिससे मरीज को बाहर निकालना मुश्किल हो गया। इस लापरवाही पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए। बता दें, परिजनों ने गेट खोलने की बहुत कोशिश की, लेकिन 10 मिनट तक गेट नहीं खुला। मजबूर होकर एंबुलेंस का कांच तोड़ा गया और महिला को बाहर निकाला गया।
डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित किया
इसके बाद, महिला को जब तक अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक उनकी स्थिति और गंभीर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें, मृतक के बेटे गौरव ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस सेवा की खामियां और ड्राइवर की लापरवाही हादसे का मुख्य कारण बनी। उन्होंने कहा कि समय पर ऑक्सीजन सपोर्ट और इलाज मिल जाता तो उनकी मां की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना के बाद परिजनों ने इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा को तकनीकी खामियों और कर्मचारियों की गैर-जिम्मेदारी का जिम्मेदार ठहराया है।
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