India News(इंडिया न्यूज) Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा में छात्र आत्महत्याओं को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि इन मामलों के पीछे पढ़ाई का दबाव और कई बार ‘प्रेम प्रसंग’ भी एक अहम कारण होते हैं।
2024 में 17 आत्महत्याएं, 2025 में अब तक तीन मामले
कोचिंग हब के तौर पर प्रसिद्ध कोटा में छात्रों पर बढ़ते दबाव ने गंभीर चिंता पैदा की है। 2024 में कोटा में 17 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि इस साल अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं।
माता-पिता को दी चेतावनी
बूंदी में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में मंत्री दिलावर ने माता-पिता को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “माता-पिता को अपने बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। हर छात्र की अपनी रुचि होती है, और जब उन्हें इसके विपरीत किसी क्षेत्र में जबरन धकेला जाता है, तो वे अवसाद में चले जाते हैं।”
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प्रेम प्रसंग और दोस्ती का दबाव
मंत्री ने यह भी कहा कि कोचिंग संस्थानों की भूमिका सीमित हो सकती है, लेकिन दोस्तों के बीच रैंक को लेकर होने वाले तानों और प्रतिस्पर्धा का छात्रों पर गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में ‘प्रेम प्रसंग’ भी छात्रों को मानसिक तनाव में डाल देते हैं।
‘माता-पिता बच्चों के व्यवहार पर रखें नजर’
दिलावर ने माता-पिता से अपने बच्चों के व्यवहार और दिनचर्या पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा, “अक्सर माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं देते। जब नियंत्रण खो जाता है, तो बच्चे गलत दिशा में भटक सकते हैं।”
समाज और सरकार के लिए बड़ी चुनौती
कोटा में छात्रों की आत्महत्या न केवल माता-पिता बल्कि पूरे समाज और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। शिक्षा मंत्री के बयान ने इस समस्या की जड़ पर चर्चा का नया रास्ता खोल दिया है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और कोचिंग संस्थान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कारगर कदम उठाएंगे?