India News (इंडिया न्यूज),Ajmer Wedding Procession: राजस्थान के अजमेर जिले के लवेरा गांव में 21 जनवरी को एक ऐतिहासिक घटना हुई, जब दलित समाज के दूल्हे विजय रेगर की बारात कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई। दुल्हन अरुणा खोरवाल के परिवार ने उच्च जाति के लोगों द्वारा बारात में बाधा डालने की आशंका जताई थी, जिसके बाद प्रशासन ने बारात की सुरक्षा के लिए 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की।

घोड़ी पर सवार होकर निकले विजय रेगर

दूल्हा विजय रेगर घोड़ी पर सवार होकर पूरी शान से दुल्हन के घर पहुंचा। वहां परंपरागत तरीके से ‘बिंदोली’ की रस्म निभाई गई। बारात में किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के नेतृत्व में विशेष प्रबंध किए गए। गांव में पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही बैठक कर ग्रामीणों का समर्थन लिया था।

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परिवार ने जताई थी सुरक्षा की चिंता

दुल्हन के पिता नारायण खोरवाल ने बताया कि पहले भी ऐसी बारातों के दौरान अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे उनका परिवार चिंतित था। उन्होंने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों से मदद मांगी। मानव विकास एवं अधिकार केंद्र के सचिव रमेश चंद बंसल ने इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) तक पहुंचाया, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई थानों से पुलिस बल बुलाया।

शादी बनी साहस और एकता का प्रतीक

यह शादी न केवल अरुणा और विजय के जीवन का महत्वपूर्ण पल था, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक बड़ा संदेश भी बनी। खोरवाल ने कहा, “हमने डर के बावजूद अपनी परंपरा निभाई। प्रशासन और पुलिस का सहयोग सराहनीय रहा।” यह घटना समाज में साहस और समानता की नई मिसाल पेश करती है। विजय रेगर की बारात ने यह दिखा दिया कि सामाजिक रूढ़ियों को शिक्षा और साहस के साथ हराया जा सकता है।