India News (इंडिया न्यूज)Operation sindoor: 11 मई का सूरज राजस्थान के झुंझुनू जिले के मेहरादासी गांव की धरती पर एक जांबाज की अंतिम विदाई का गवाह बना। मेहरादासी गांव में हर आंख नम थी और हर दिल भारी था। जम्मू में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दरम्यान पाकिस्तान द्वारा किये गए हमले में शहीद हुए वायुसेना के जांबाज मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट सुरेंद्र कुमार मोगा का अंतिम संस्कार जब उनके पैतृक गांव मेहरादासी (जिला झुंझुनू – राज्य राजस्थान) में राजकीय सम्मान के साथ किया गया तो वह क्षण महज अंतिम संस्कार नहीं था। यह एक संकल्प, एक प्रेम और एक असाधारण वीरता की अमर गाथा बन गया। दरअसल, जब शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा की पत्नी वीरांगना सीमा को अंतिम दर्शन के लिए लाया गया तो शहीद वीरांगना सीमा ने एक वीरांगना की तरह अपने शहीद पति को सैल्यूट कर और जय हिंद कह कर विदाई दी।
आपको बता दें कि इस वीरगाथा की सबसे मार्मिक तस्वीर तब सामने आई जब शहीद की पत्नी सीमा अंतिम दर्शन के लिए पहुंचीं। शहीद पति को देखकर उनके होठ कांप उठे, आंखों से आंसू बह निकले, लेकिन फिर भी उनके शब्दों में ऐसा जोश, ऐसा प्यार था कि पूरा माहौल थम सा गया। उन्होंने अपने पति के सिर पर हाथ फेरा, उनका गाल पकड़ा और रुंधे हुए स्वर में बोलीं ‘उठ जा यार… प्लीज उठ जा’, इतना ही नहीं उन्होंने दो बार ‘आई लव यू’ कहा और फिर खड़ी होकर पूरी हिम्मत के साथ जय हिंद का नारा लगाया। इसके साथ ही उन्होंने अपने शहीद पति को सलाम किया। यह दृश्य ऐसा था कि आंखें ही नहीं बल्कि आत्मा भी रो पड़ी।
शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा के पार्थिव शरीर के साथ आए वायुसेना के जवान आए थे। उन्होंने शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा की वर्दी दी। जब सीमा को शहीद की वर्दी सौंपी गई तो उसने पहले उसे माथे पर लगाया, फिर दिल पर। मानो वो उस वर्दी को अपने दिल में उतार लेना चाहती हो। ये सिर्फ एक पत्नी का प्यार नहीं था, ये भारत मां की बेटी का बलिदान था, जो खुद एक प्रेरणा बन गई थी। भीड़ के बीच उसकी 11 साल की बेटी वर्तिका भी बार-बार अपनी मां का साथ देती दिखी। ये ऐसा नजारा था जहां वीरता, प्रेम और त्याग का संगम साफ दिखाई दे रहा था।
ये वीडियो झुंझुनू के शहीद सुरेंद्र कुमार की पत्नी का है जो उन्हें अंतिम विदाई देते हुए इतनी भावुक हो गईं कि बोलीं: आई लव यू… प्लीज़ यार उठ जा. देश के लिये अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले देश के एक वीर सपूत की पत्नी का ये वीडियो बेहद भावुक करने वाला है. pic.twitter.com/43csKQXuF0
— Ashish Kumar Rai (@ashishrai2000) May 12, 2025
इसके बाद भी वीरांगना सीमा अपने शहीद पति को देखने के लिए हाथ जोड़ती नजर आईं। बार-बार विनती करने के बाद एक बार फिर शव का बक्सा खोला गया। इसके बाद भी वीरांगना सीमा ने फिर अपने शहीद पति से कहा कि कम से कम एक बार तो उठ जाएं। यह कहते-कहते वीरांगना सीमा फिर बेहोश हो गईं। उन्हें ले जाया गया। अंतिम संस्कार से पहले, अंतिम संस्कार के दौरान और अंतिम संस्कार के बाद भी वीरांगना सीमा की तबीयत बार-बार बिगड़ रही थी। जिसके चलते मौके पर तैनात डॉक्टरों की टीम बार-बार वीरांगना सीमा को दवा आदि दे रही थी। यह कोई साधारण अंतिम विदाई नहीं थी। यह एक अमर प्रेम, एक महिला की अडिग वीरता और एक देशभक्त की चिर निद्रा में जाते हुए भी ‘जय हिंद’ की अमर गूंज को अंतिम सलामी थी।