India News (इंडिया न्यूज) Rajasthan news: राजस्थान के अलवर में शहर के बीचों-बीच स्थित आरआर कॉलेज में 22 दिनों से पैंथर का आतंक जारी है। वन विभाग के अधिकारी बेबस हैं। वो उसे पकड़ नहीं पा रहे हैं। लेकिन इस बीच एक नई तरकीब निकाली गई है।
कॉलेज परिसर में जेसीबी की मदद से जंगल को साफ किया जा रहा है और रास्ता बनाया जा रहा है, जिससे वन विभाग को पैंथर पर नजर रखने में आसानी होगी। साथ ही एक बार फिर ड्रोन के जरिए पैंथर की लोकेशन पता करने की कोशिश की जाएगी। वन विभाग को उम्मीद है कि जंगल के बीचों-बीच रास्ता मिलने से निगरानी में आसानी होगी। साथ ही पैंथर को जल्द ट्रैप किया जा सकेगा। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगर पैंथर को पकड़ने में जल्दबाजी की गई तो वो रिहायशी इलाकों तक पहुंच सकता है। इसलिए उसे प्राकृतिक तरीकों से ही पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले 22 दिनों से कॉलेज परिसर में पैंथर का मूवमेंट बना हुआ है। इसके चलते डीएफओ के निर्देश पर कॉलेज परिसर से जूली फ्लोरा व कंटीली झाडिय़ों को हटाकर स्थाई रास्ता बनाया जा रहा है। ताकि मॉनिटरिंग में आसानी हो सके। उन्होंने बताया कि पैंथर का मूवमेंट रात के समय ज्यादा रहता है। जिस क्षेत्र में रास्ता बनाया जा रहा है, वहां पिछले दो-तीन दिन से पैंथर के पदचिह्न मिल रहे हैं।
उम्मीद है कि जल्द ही पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी पैंथर कॉलेज परिसर में ही छिपा हुआ है। रिहायशी इलाके व मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों को पैंथर की झलक देखने को मिली। पिछले दिनों कॉलेज के पार्किंग गार्ड ने भी शाम के समय पैंथर को सड़क पार करते देखा, लेकिन वन विभाग की टीम अभी पैंथर की पकड़ से बाहर है। इससे पहले एक दिसंबर को महिलाओं ने पैंथर को देखा था।