India News Rajasthan (इंडिया न्यूज) Crime News: जयपुर में 14 माह पहले हुए एक बच्चे के अपहरण के मामले में आखिरकार पुलिस के हाथ सफलता लगी है। पुलिस ने किडनैपर को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल छुड़वा लिया है। किडनैपर कोई ओर नहीं, बल्कि बच्चे की मां के मामा का ही लड़का निकला, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल है।
क्या है पूरा मामला?
घर का सदस्य ही निकला आरोपी
आरोपी तनुज ने ही अपने चार पांच साथियों के साथ पृथ्वी को उसके घर से किडनैप कर ले गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पहले पुलिस लाइन अलीगढ उत्तरप्रदेश में तलाश की गई लेकिन आरोपी तनुज चाहर अपनी ड्यूटी से भी गैर-हाजिर चल रहा था, जिसको सस्पेंड कर दिया गया। तब से लगातार आरोपी की तलाश और अपहृत बालक की दस्तयाबी के लिए कई राज्यों में पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन बदमाश का सुराग नहीं लगा, तो उस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया। इसके बाद जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी तनुज चाहर ने अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है और साधु का चोला ओढ़कर वृंदावन के परिक्रमा मार्ग और यमुना के खादर क्षेत्र में कहीं कुटिया बनाकर रहता है।
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पुलिस ने ऐसे आरोपी को दबोचा
इसके बाद जयपुर पुलिस ने भी अपनी पहचान छिपाने के लिए साधु का भेष बना लिया और भजन गाते हुए आरोपी तक पहुंची। लेकिन किडनैपर को पुलिस की भनक लग गई और वो अपहृत बालक को गोदी में लेकर खेतों में भाग गया। इसके बाद पुलिस ने 27 अगस्त को खेतों में पीछा कर तनुज चाहर को सुरीर थाना क्षेत्र से पकड़ा और बच्चे समेत दस्तयाब कर जयपुर ले आई। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी तनुज चाहर बच्चे कान्हा और उसकी मां को अपने पास रखना चाहता था। इसको लेकर आरोपी ने बच्चे की मां पर काफी दबाव बनाया। लेकिन नहीं मानी तो महिला के नाबालिग पुत्र को अपहरण कर ले गया।
अपहरण के बाद आरोपी तनुज चाहर बच्चे की मां से अपनी बात मनवाने के लिए बार-बार कॉल कर धमकी भी देता था। इस रंजिश की आग में आरोपी अपनी नौकरी से भी निलंबित हो गया, लेकिन अपनी जिद को नहीं छोड़ा। आरोपी तनुज चाहर यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर रिजर्व पुलिस लाइन जिला अलीगढ़ में तैनात था और पुलिस की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह से वाकिफ था, इसीलिए उसने बच्चे के अपहरण के बाद पुलिस से सावधानी बरतने के हर तरीके से फरारी के दौरान स्वयं के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया और एक जगह से मोबाइल का उपयोग करने के बाद उस जगह दोबारा नहीं जाता था।
मोबाइल की लोकेशन के स्थान को तुंरत छोड़ भी देता था। अपने जानकार व्यक्ति से एक बार मिलने के बाद दोबारा नहीं मिलता था और अपनी पहचान छिपाने के लिए लिए कभी दाढ़ी बढ़ा लेता था और कभी सफेद दाढ़ी पर डाई कर लेता था। वहीं, नये आदमी को अपना परिचय नहीं देता था, इसलिए आरोपी तनुज चाहर को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस के पसीने छूट गए।
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