India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Bus Strike: राजस्थान सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आपको बता दें कि राजस्थान सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा है। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। राजस्थान सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेशभर के निजी बस संचालक हड़ताल पर चले गए हैं। निजी बस संचालकों ने मिलकर आज एक भी निजी बस सड़क पर नहीं उतारने का फैसला किया है। ऐसे में यहां बस सेवा पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके चलते लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला

हाइवे पर टूरिस्ट बसों को रोक रहे पदाधिकारी इस हड़ताल के चलते अब निजी बस एसोसिएशन के पदाधिकारी हाइवे पर चल रही टूरिस्ट बसों को रोककर हड़ताल में समर्थन मांग रहे हैं। भीलवाड़ा जिले से इस दौरान की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें कुछ लोग बस के आगे बाइक लेकर खड़े नजर आ रहे हैं और वाहन को आगे नहीं जाने दे रहे हैं। वे चालक से यह भी कह रहे हैं कि भीलवाड़ा जिला निजी बस एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने सोमवार को बैठक में यह निर्णय लिया कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर बंद का समर्थन करना है।

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प्रदेश प्रवक्ता जगदीश चंद्र ओझा ने दी जानकारी

‘मांगों पर सहमति के बाद भी आदेश जारी नहीं’ निजी बस एसोसिएशन राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश चंद्र ओझा ने बताया कि इससे पहले प्रमुख परिवहन सचिव श्रेया गुहा और परिवहन आयुक्त के साथ बैठक हुई थी।

बैठक में 23 मांगों में से 15 मांगों पर सहमति बनी थी, जिसमें से आज तक एक भी मांग के आदेश जारी नहीं किए गए हैं। सरकार की इस वादाखिलाफी को लेकर बस संचालकों में रोष है। प्रवक्ता ओझा ने बताया कि सरकार को बार-बार मांग पत्र भेजे गए। वार्ता की शर्तें याद दिलाने के बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए, जिसके चलते आज बस संचालकों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है।

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क्या हैं निजी बस संचालकों की मांगें

  • टीपी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों शुरू की जाए।
  • किराए में बढ़ोतरी की जाए।
  • सार्वजनिक परिवहन का समय एक साल बढ़ाया जाए।
  • सीटिंग क्षमता में 20 प्रतिशत की छूट दी जाए।

हड़ताल का क्या असर?

हड़ताल का सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं पर पड़ रहा है। सार्वजनिक परिवहन सेवा हो, स्लीपर कोच हो या स्टेज कैरिज या फैक्ट्री स्कूल बसें, सिटी बसों समेत सभी बसें बंद हैं। निजी बस एसोसिएशन भीलवाड़ा के फैक्ट्री मालिकों और स्कूल बस मालिकों से संपर्क कर समर्थन मांग रही है। ऐसे में देखना होगा कि इन लोगों की मांगें कब पूरी होंगी।

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