India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan New CM: छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद अब सबकी नजरें राजस्थान पर हैं। राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा इस सस्पेंस से आज पर्दा उठने वाला है। सूत्रों की मानें तो आज बीजेपी विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। हालांकि बैठक में निर्दलीय विधायकों को नहीं बुलाया गया है। उन्हें जयपुर में ही रहने के निर्देश दिये गये हैं। आपको बता दें कि कुछ निर्दलियों ने बिना शर्त समर्थन का पत्र सौंपा है।
विधायक दल की बैठक से पहले वसुंधरा राजे के आवास पर हंगामा मचा हुआ है। 4 विधायक वसुंधरा राजे से मिलने पहुंचे हैं। कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रताप सिंह सिंघवी और गोपाल शर्मा पूर्व सीएम के आवास पर पहुंचे हैं। आपको बता दें कि दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का रवैया बीजेपी आलाकमान के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। माना जा रहा है कि हाल ही में करीब 60 बीजेपी विधायकों ने वसुंधरा राजे से मुलाकात की है। ज्यादातर विधायक कह रहे हैं कि यह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात थी। कुछ विधायक यह भी कहते नजर आए कि वे वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। कथित तौर पर कुछ विधायकों की बाड़ेबंदी करने का आरोप भी वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यन्त सिंह पर लगा।
वसुंधरा राजे लगातार आलाकमान को खुश करने में जुटी हुई हैं। वह लगातार पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ भी कर रही हैं। चाहे पहले चुनाव में जीत का श्रेय देना हो या अनुच्छेद 370 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना हो, वह कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। अब देखना होगा कि आलाकमान एक बार फिर सीएम के तौर पर वसुंधरा राजे या किसी और के नाम पर मुहर लगाता है या नहीं। एक चेहरा होगा।
शाम 4 बजे नवनिर्वाचित बीजेपी विधायकों की बैठक होगी। बैठक में पार्टी पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह भी हिस्सा लेंगे। सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधायक दल की बैठक में अनिवार्य रूप से शामिल होने का निर्देश दिया गया है। बैठक में राजनाथ सिंह, सह-पर्यवेक्षक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी मौजूद रहेंगे।
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह इस बार भी चौंकाएगी बीजेपी? चुनाव हारने वाले राजेंद्र राठौड़ समेत पार्टी नेताओं ने कहा कि बीजेपी में शक्ति प्रदर्शन की कोई परंपरा नहीं है। उन्होंने सोमवार को कहा कि विधायक बधाई देने के लिए वरिष्ठ नेताओं से मिलने जाते हैं और इसे केवल उसी अर्थ में नहीं देखा जाना चाहिए। जरूरत उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में सभी बीजेपी नेता एकजुट हैं।
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