India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने शनिवार को दूदू में पत्रकार वार्ता में बताया कि 29 जनवरी मंगलवार को राजस्थान में गांव बंद आंदोलन होगा, जिसका का अभिप्राय गांव का व्यक्ति गांव में, गांव का उत्पादन गांव में रहेगा, जिसमें राजस्थान के 45,537 गांवों को इस आंदोलन में सम्मिलित होने का आह्वान किया गया हैं। जाट ने बताया कि इस आंदोलन में गांव का व्यक्ति गांव में रहेगा, गांव का उत्पाद गांव में रहेगा। आपातकालीन स्थितियों को छोड़कर बस, जीप, रेल या अन्य किसी भी यातायात साधन का उपयोग नहीं किया जाएगा।
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जाट ने आगे बताया कि यदि किसी को गांव का कोई उत्पाद खरीदना होगा तो उसे गांव में आकर खरीदने की सुविधा रहेगी। इससे खरीदनें वालों को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सकेगा। वहीं खाद्य वस्तुओं में मिलावट के दुष्परिणामों से बचने का विकल्प उपलब्ध रहेगा। गांव बंद का प्रयोग ब्रह्मास्त्र के रूप में किया जाएगा। परिणामस्वरुप मौलभाव की शक्ति किसान के पास आ जाएगी और वह अपने उत्पाद का दाम स्वयं निर्धारण कर सकेगा। गांव बंद स्वेच्छा पर आधारित होगा, जिसमें सत्य, शांति एवं अहिंसा के व्रत की पालना अपरिहार्य होगी।
उन्होंने आगे कहा कि इसमें टकराव की सम्भावना न्यूनतम होने से द्वेष की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। वर्णन आपसी प्रेम एवं सद्भाव के आधार पर जन समर्थन प्राप्त किया जा सकेगा। इसकी सफलता के लिए प्रदेश भर में जन-जागरण किया जाएगा, जिसका प्रमुख उदघोष “खेत को पानी-फसल को दाम” होगा। “खेत को पानी” के लिए सिंचाई योजनाऐं प्राथमिकता से बनाने तथा “फसल को दाम” के लिए खराबे की क्षतिपूर्ति के साथ “न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी कानून” यथाशीघ्र बनाने के विषयों की प्रमुखता रहेगी।
जाट ने आगे कहा कि इस जन-जागरण अभियान में किसान महापंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी एवं प्रदेश मंत्री बत्ती लाल बैरवा की भागेदारी निरंतर बनी हुई है। जयपुर जिले से जिला दूदू अध्यक्ष बलदेव महरिया, जिला मंत्री रामाकिशन स्याक, समाजसेवी रणजीत रिणवा, घीसाराम जांगिड़ आदि प्रमुख शामिल हैं। जाट द्वारा किये जानें जन-जागरण का प्रथम चरण 8 दिवसों में 19 जिलों में सम्पर्क होगा। इनमें भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, राजसमंद , प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, पाली, ब्यावर, जयपुर, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली, बहरोड़ आदि हैं।
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