India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि, कार्मिकों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसमें जिन्होंने भी बिजली की बिल नहीं जमा किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में बिजली उपभोक्ताओं के ऊपर संकट के बादल छा रहे है।
सूत्रों के अनुसार
सूत्रों के अनुसार पांच साल बाद भी पैसा जमा नहीं कराने वाले राजस्थान के 16382 सरकारी कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें बकाया राशि जमा नहीं कराने पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। वहीं खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने जिला रसद अधिकारियों (डीएसओ) को वसूली में तेजी लाने को कहा है। कर्मचारियों में राज्य और केंद्र दोनों शामिल हैं।
दो जिलों में शत-प्रतिशत वसूली विभाग ने करौली और टोंक में कार्मिकों से शत-प्रतिशत वसूली कर ली है। करौली में 2924 कार्मिकों से 4 करोड़ 33 लाख रुपए और टोंक में 1175 कार्मिकों से 1 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक की वसूली की जा चुकी है। वहीं भरतपुर ग्रामीण और उदयपुर ग्रामीण में जांच में किसी भी कर्मचारी का नाम सामने नहीं आया। दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र बनकर सरकारी कार्मिकों द्वारा गेहूं उठाव की शिकायतों के बाद वर्ष 2020 में जिला रसद अधिकारियों से जांच कराई गई थी।
जांच में सरकारी कार्मिकों के नाम सामने आने के बाद उठाए गए गेहूं की कीमत बाजार भाव से वसूलने के निर्देश दिए गए थे। फिर जब योजना को आधार से जोड़ा गया तो जांच में मामले सामने आए। अधिकांश कार्मिकों से रिकवरी हो चुकी है, शेष लोगों से भी जल्द ही राशि वसूल की जाएगी।
इन जिलों में हैं सबसे कम कर्मचारी
जयपुर शहर 314, राजसमंद 733, पाली 861, बीकानेर 494, कोटा ग्रामीण 590, जालौर 971, धौलपुर 776 तथा अजमेर ग्रामीण व शहर में क्रमश: 909 व 960 कर्मचारी हैं। इन जिलों में सबसे ज्यादा कर्मचारी दौसा जिले (7702), बांसवाड़ा (6147), जयपुर ग्रामीण (6243), अलवर (6027), उदयपुर शहर (5267) में हैं। जांच में सरकारी कार्मिक दोषी पाए गए हैं।
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