India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़) Rajasthan News: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को जैसलमेर में भारत निर्मित हल्के टैंक जोरावर का प्रारंभिक ऑटोमोटिव परीक्षण कर एक बड़ी सफलता हासिल की। ​​इस लड़ाकू वाहन का विकास चीन से लगी सीमा पर सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा…

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रेगिस्तानी इलाके में किए गए क्षेत्रीय परीक्षणों के दौरान टैंक ने असाधारण प्रदर्शन किया और सभी इच्छित उद्देश्यों को कुशलतापूर्वक पूरा किया। जोरावर का वजन 25 टन है डीआरडीओ और एलएंडटी डिफेंस 25 टन का हवाई परिवहन योग्य टैंक विकसित कर रहे हैं, जिसे मुख्य रूप से चीन से लगी सीमा पर तेजी से तैनाती के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, भारतीय हल्के टैंक के सफल परीक्षणों को महत्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों में भारत के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।

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2027 तक सेना में शामिल होगा

मंत्रालय ने कहा, ‘डीआरडीओ ने 13 सितंबर को भारतीय हल्के टैंक जोरावर का प्रारंभिक ऑटोमोटिव परीक्षण सफलतापूर्वक किया सभी परीक्षणों के बाद ज़ोरावर साल 2027 तक भारतीय सेना में शामिल हो सकता है।

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पहाड़ी इलाकों में तैनाती में सक्षम

ज़ोरावर टैंक पहाड़ी इलाकों जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती में सक्षम है। ज़ोरावर को पहाड़ी इलाकों में तैनाती के लिए बेहद बहुमुखी प्लेटफॉर्म माना जा रहा है। लेकिन, यह न केवल पहाड़ी इलाकों के लिए एक बेहतरीन टैंक है, बल्कि इसने रेगिस्तानी इलाकों में भी अपनी प्रभावशीलता दिखाई है। परीक्षण के दौरान ज़ोरावर टैंक ने शानदार प्रदर्श

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