India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan News: जोधपुर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में नर्सिंग की पूर्व छात्रा हितेशी बोराणा राजकोट में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। हितेशी के परिजनों ने उसे जोधपुर लाकर एम्स में अंगदान का फैसला किया। एम्स जोधपुर में हितेशी की दोनों किडनियां और लीवर डोनेट किए गए। एक किडनी और लिवर जोधपुर में ही अलग-अलग मरीजों को लगाए गए। दूसरी किडनी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेजी गई। बाकी अंगों के लिए मरीज नहीं मिल पाए।

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जानें पूरा मामला

एम्स प्रशासन ने सम्मान सहित हितेशी के शव को फूलों से सजी एम्बुलेंस में घर भेजा। पाल रोड की रूप नगर द्वितीय कॉलोनी में रहने वाली 31 साल की हितेशी ने एम्स जोधपुर से बीएससी और एमएससी नर्सिंग की थी। करीब डेढ़ साल पहले उसकी एम्स राजकोट में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर नौकरी लग गई। वह 12 दिसम्बर को राजकोट में ही सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई। उसे गंभीर चोटें लगीं। हितेशी के पिता रिटायर्ड प्रिंसिपल लक्ष्मी नारायण बोराणा और माता रिटायर्ड सीनियर नर्सिंग ऑफिसर चंद्रकला ने अपनी बेटी के अंगदान का फैसला किया।

जानिए डिटेल में घटना

हितेशी की एक किडनी और लीवर एम्स जोधपुर में ही मरीजों में ट्रांसप्लांट किए गए। दोनों मरीज जोधपुर के ही रहने वाले हैं एक 38 साल की बीमार महिला का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। बताया गया है कि, ब्लड प्रेशर अधिक रहने के कारण किडनी खराब हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, हितैषी का लीवर 40 सालंके पुरुष रोगी को ट्रांसप्लांट किया गया, जिसका लिवर हेपेटाइटिस से खराब हो गया था। ट्रांसप्लांट प्रक्रिया का समन्वय प्रो एएस संधू और ट्रांसप्लांट नोडल अधिकारी डॉ. शिवचरण नवरिया ने किया।

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