India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan Politics: राजस्थान में शिक्षा नीति को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री भजनलाल की सरकार पर सरकारी स्कूलों को बंद करने का गंभीर आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि सरकार की घोषित शिक्षा नीति गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र है।
कई अन्य स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया जारी
टीकाराम जूली ने बताया कि पिछले एक साल में 450 सरकारी स्कूलों को बंद किया जा चुका है और कई अन्य स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार, नवाचार और विस्तार करने की बजाय इसे निजी हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है। जूली ने बीजेपी सरकार पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का असली उद्देश्य आदर्श विद्या मंदिर जैसे स्कूलों को बढ़ावा देना है।
गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के हितों की रक्षा करे
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से अपील की है कि वह शिक्षा नीति में बदलाव कर गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के हितों की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का बंद होना उन बच्चों के लिए बड़ा झटका है जो निजी स्कूलों की महंगी फीस वहन नहीं कर सकते। जूली ने कहा कि शिक्षा के अधिकार से किसी भी बच्चे को वंचित नहीं किया जाना चाहिए। राजस्थान विधानसभा का सत्र जल्द शुरू होने वाला है, जहां शिक्षा नीति पर जोरदार बहस की संभावना है। विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकार से इस मुद्दे पर जवाबदेही मांगने के लिए पूरी तरह तैयार है। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह एक गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।