India News RJ (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Politics: राजस्थान के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गाय को राज्यमाता का दर्जा देने के लिए महाराष्ट्र के कानून का अध्ययन करने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जिसने गाय को राज्य माता का दर्जा दिया है, और अब राजस्थान भी इसी दिशा में कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
‘गाय सियासत का विषय नहीं, बल्कि आस्था का है’
कुमावत ने कहा कि गाय केवल सियासत का विषय नहीं, बल्कि आस्था का विषय है। इसके संरक्षण के लिए और अधिक सजगता की आवश्यकता है। गाय से बने उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया गया है। यह रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकता है। गोतस्करी को रोकने के लिए कानून को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। गाय को राज्यमाता का दर्जा देने से गोतस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान लागू होंगे।
Bihar Bypoll 2024: नामांकन वापसी के बाद चुनावी मैदान में अब बस 38 उम्मीदवार, जानें डिटेल में
कानून की जानकारी
राजस्थान सरकार महाराष्ट्र के अधिकारियों से बातचीत कर रही है ताकि यह समझा जा सके कि गाय को राज्यमाता का दर्जा देने के लिए कौन से कानूनी प्रावधानों की आवश्यकता होगी। कुमावत ने बताया कि ऊंट को राज्य पशु घोषित करने के बाद उसकी तस्करी और बलि पर रोक लग गई थी, और उन्हें उम्मीद है कि गाय को इसी तरह का दर्जा देने से भी तस्करी रुकेगी।
क्या होगा अगला कदम
राजस्थान सरकार जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की योजना बना रही है, ताकि गाय के प्रति सम्मान और उसकी रक्षा की जा सके। यह कदम न केवल गाय के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि इससे स्थानीय समुदायों में भी जागरूकता बढ़ेगी।