India News (इंडिया न्यूज), Rajasthan Sub-Inspector: राजस्थान के झुंझुनू में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को उसकी ही लिखाई ने फंसा दिया। स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (एसओजी) ने प्रशिक्षु एसआई मोनिका को गिरफ्तार किया है। मामला तब सामने आया जब मोनिका ने छुट्टी के लिए आवेदन किया, जिसमें स्पेलिंग की गंभीर गलतियां थीं। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को शक हुआ और जांच में बड़ा खुलासा हुआ।
कैसे हुआ खुलासा?
मोनिका ने 2021 में हुई एसआई भर्ती परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल की थी। खासकर, हिंदी में 200 में से 184 अंक लाकर वह चर्चा में रही थी। लेकिन जब उन्होंने छुट्टी के लिए आवेदन किया, तो उसमें ‘इंस्पेक्टर’, ‘प्रशिक्षु’, ‘दस्तावेज’ और यहां तक कि ‘झुंझुनू’ जैसे आसान शब्दों की भी गलत स्पेलिंग लिखी थी। यह देखकर वरिष्ठ अधिकारियों को संदेह हुआ कि इतनी उच्च रैंक पाने वाला कोई व्यक्ति इतनी साधारण गलतियां कैसे कर सकता है।
मामले में बड़ा खुलासा
जब एसओजी ने इस मामले की जांच की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया। पता चला कि मोनिका ने 15 सितंबर 2021 को अजमेर परीक्षा केंद्र पर ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर नकल की थी। इस पूरी धोखाधड़ी की योजना पौरव कलीर नामक व्यक्ति ने बनाई थी, जिसने मोनिका से 15 लाख रुपये लेकर उसे परीक्षा के दौरान उत्तर बताए थे।
कैसे खुला राज?
लिखित परीक्षा में शानदार प्रदर्शन के बावजूद, मोनिका साक्षात्कार में केवल 15 अंक ही प्राप्त कर सकी, जिससे उसकी वास्तविक क्षमता पर सवाल उठने लगे। एसओजी की गहन जांच के बाद मोनिका ने कबूल किया कि उसने 15 लाख रुपये देकर परीक्षा पास की थी। मोनिका, जो जयपुर पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थी, जांच के दौरान फरार हो गई थी। लेकिन एसओजी की सतर्कता से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब एसओजी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल था।
तकनीक का दुरुपयोग
यह मामला बताता है कि किस तरह तकनीक का दुरुपयोग कर कुछ लोग गलत तरीके से सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं। हालांकि, मोनिका की छोटी-छोटी गलतियां ही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गईं और उसकी साजिश का पर्दाफाश हो गया। अब इस मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य संभावित दोषियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है।