इंडिया न्यूज, जोधपुर।
Ranikhet Disease In Migrant Birds राजस्थान के जिला जोधपुर में कथित रानी खेत बीमारी की वजह से पिछले 3 दिनों में 80 से अधिक प्रवासी पक्षी कुरजां (डेमोइसेल क्रेन) की मौत होने का समाचार है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक श्रवण सिंह राठौर ने कहा कि अभी लगभग 100 बीमार पक्षियों का इलाज किया जा रहा है और इन पक्षियों का रानीखेत रोग से संक्रमित होने का अनुमान है।

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हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचते है प्रवासी पक्षी (Ranikhet Disease In Migrant Birds)

कापरड़ा गांव के सेज हाईवे स्थित तालाब पर हजारों किलोमीटर का सफर तय कर शीतकालीन प्रवास पर सैकड़ों कुरजां यहां पहुंचते हैं। बिलाड़ा में बनाए गए अस्थाई बचाव केंद्र में इलाज किया जा रहा है। कुरजां की जान बचाने के लिए वनविभाग, पशु चिकित्सालय और वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मृत पक्षियों का विसरा जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। मौत के सही कारणों का रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।

रानीखेत रोग का अनुमान (Ranikhet Disease In Migrant Birds)

वरिष्ठ पशु चिकित्सक श्रवण सिंह राठौर का कहना है कि रानीखेत रोग को पश्चिम में न्यूकैसल रोग के रूप में जाना जाता है। यह एक तीव्र वायरल रोग है जो पक्षियों के श्वसन तंत्र पर अटैक् करता है और अत्यधिक घातक है।

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