India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajasthan: राजस्थान में इस बार सूर्य सप्तमी के अवसर पर एक ऐतिहासिक आयोजन किया जाएगा। 3 फरवरी को राज्य के 78 हजार से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा। इस आयोजन के लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस बार 1.33 करोड़ विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार करने का लक्ष्य रखा गया है।
शिक्षा मंत्री ने किया आयोजन की अपील
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सूर्य नमस्कार भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है और यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मंत्री ने यह भी कहा कि सूर्य सप्तमी के बाद स्कूलों में नियमित रूप से सूर्य नमस्कार कराया जाएगा और इसे अनिवार्य किया जाएगा। इस बार सूर्य सप्तमी के दिन विद्यालय परिवार और कर्मचारियों को कम से कम सात सूर्य नमस्कार करने के निर्देश दिए गए हैं।
कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों का विरोध
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस आयोजन को बीजेपी और RSS का एजेंडा करार दिया और विधानसभा में इसका विरोध करने की बात की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया किया जाना चाहिए, न कि सिर्फ धार्मिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने भी इसे अनुचित और संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया है। राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम के मोहम्मद नाजीमुद्दीन ने इसे अनिवार्य किए जाने का विरोध किया और इसे स्वैच्छिक रूप से करने की अपील की है।
विरोध के बीच आयोजन की तैयारियां जारी
राजस्थान सरकार की ओर से सूर्य सप्तमी को लेकर किए गए इस आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन इसके खिलाफ विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक समूहों से विरोध भी बढ़ता जा रहा है। 3 फरवरी को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्य के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों और कर्मचारियों को बुलाया जाएगा।
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