India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Trending News: बहुत से लोग सोचते हैं कि भारत के गांव के लोग बहुत पिछड़े हैं। उन्हें यहां की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है। इसका अलावा गांव वालों को बेवकूफ और पिछड़ा माना जाता है। जो लोग शहर में रहते है उन्हें होशियार माना जाता है जैसे वहीं सबसे ज्यादा समझदार हो। इसके बाद वे ग्रामीणों से बात करना बंद कर देते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो गांवों में पैदा होते हैं लेकिन एक बार शहर में बस जाने के बाद उन्हें गांव आने में शर्म आती है। लेकिन भारत में कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां के नियमों के आगे आज के सबसे उन्नत शहर भी फेल हो जाते हैं।
शादीशुदा महिला रहती है लिव-इन में
पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में लिव-इन का कॉन्सेप्ट चर्चा में आया है। मेट्रो शहरों में काम करने गए लड़के-लड़कियां अब साथ रहने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में एक ऐसा गांव है, जहां कई सदियों से लोग लिव-इन में रह रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं गरासिया जनजाति की। यह जनजाति बहुत उन्नत है, गरासिया जनजाति के लोग कई सालों से लिव-इन को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये लोग एक ही शर्त पर शादी करते हैं। बच्चा होने से पहले महिला चाहे तो अपना लिव-इन पार्टनर बदल सकती है। इसके अलावा इस जनजाति में महिलाओं का दर्जा पुरुषों से कहीं ज़्यादा ऊंचा है। महिला खुद तय करती है कि उसे किसके साथ रहना है और किसके साथ नहीं।
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मेले में चुने जाते हैं साथी
गरासिया जनजाति के लोगों के बीच सालाना गौर मेला लगता है. इसमें जिसे भी साथी पसंद आता है, वह उसके साथ चला जाता है. इसके बाद जब लड़का-लड़की वापस लौटते हैं, तो लड़के का परिवार लड़की के परिवार को कुछ पैसे देता है. हर साल लगने वाले इस मेले में लड़की अपना साथी बदल सकती है। महिला किसी पुरुष से तभी शादी करती है, जब उसके बच्चे हो जाते हैं।
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