हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला करने के पीछे किसका हाथ? अजमेर दरगाह से जुड़ा मामला
India News (इंडिया न्यूज़),Vishnu Gupta Firing: राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में हिंदू मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर शनिवार सुबह अजमेर से लौटते समय गगवाना पुलिया के पास कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी। बाइक सवार दो अज्ञात युवकों ने उनकी कार पर फायरिंग की। विष्णु गुप्ता को कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद से लगातार धमकियां मिल रही थीं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि बदमाशों ने याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता को धमकाने के लिए फायरिंग की होगी।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 4 टीमें गठित
इस घटना को लेकर अजमेर एसपी वंदिता राणा ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 4 टीमें गठित की हैं। गगवाना से आने वाले सभी रास्तों पर नाकेबंदी कर दी गई है। घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंच गई है। फायरिंग की घटना के बाद विष्णु गुप्ता ने कहा कि वह दरगाह मामले की सुनवाई के लिए अजमेर आए थे, हमें महादेव ने भेजा है, हम दरगाह का सच सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि दो अज्ञात हमलावरों ने मुझे निशाना बनाया था, लेकिन गोली कार के निचले हिस्से में लगी। यह मुझ पर जानलेवा हमला है। गौरतलब है कि विष्णु गुप्ता ने पिछले दिनों दिल्ली के बाराखंभा थाने में पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी जान को खतरा है।
जिला न्यायाधीश मनमोहन चंदेल को शिकायत पत्र सौंप कर अजमेर दरगाह में हिंदू मंदिर को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान जज के चैंबर में खतरे की आशंका जताई गई है और सुनवाई के दौरान चैंबर में अनावश्यक प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही उनकी ओर से मांग की गई कि मामले में केवल अधिवक्ता और मामले से जुड़े व्यक्ति ही मौजूद रहें।
आपको बता दें कि शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट पश्चिम की अदालत में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में महादेव मंदिर के दावे पर सुनवाई हुई इन्हें मिलाकर अब तक कुल 11 अर्जियां दाखिल हो चुकी हैं। 23 सितंबर को दायर हुई थी याचिका विष्णु गुप्ता ने 23 सितंबर को अजमेर दरगाह में शिव मंदिर को लेकर याचिका दायर की थी। 27 नवंबर को कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लायक मानते हुए अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय, दरगाह कमेटी और एएसआई को नोटिस भेजा था। पहली सुनवाई 20 दिसंबर को हुई थी।