India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan: झालावाड़ के विष्णु प्रसाद ने अपनी अंतिम सांस के बाद भी आठ लोगों को नई जिंदगी देकर मानवता की मिसाल पेश की। मारपीट में घायल विष्णु को एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर स्थिति के चलते डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस दर्दनाक खबर के बीच विष्णु के परिवार ने अद्वितीय साहस दिखाते हुए अंगदान के लिए सहमति दी।
पहली बार अंगदान के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग
राजस्थान सरकार ने इस ऐतिहासिक अवसर पर पहली बार हेलीकॉप्टर का उपयोग किया। विष्णु के अंगों को समय पर ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर और जोधपुर भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। उनके अंगों से आठ लोगों को नया जीवन मिलेगा। विष्णु प्रसाद झालावाड़ जिले के पीपा धाम मानपुरा गांव के रहने वाले थे। एक झगड़े में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
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डॉक्टरों और परिवार की अद्वितीय पहल
अंगदान के लिए डॉक्टरों की टीम और अधिकारियों ने विष्णु के परिजनों को समझाया। उनके परिवार ने सहमति देकर विष्णु की याद को अमर बना दिया। डॉ. रामसेवक योगी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी साजिद खान की टीम ने इस प्रक्रिया को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विष्णु का बलिदान आठ लोगों की जिंदगी बचाने वाला बना। उनके दिल, किडनी, लिवर, और अन्य अंग हेलीकॉप्टर के जरिए जयपुर और जोधपुर पहुंचाए गए। उनका यह योगदान मानवता के लिए प्रेरणादायक बन गया।