इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
मुंबई के मुख्य कोच अमोल मजूमदार (Amol Muzumdar) ने कहा कि टीम की नई पीढ़ी के क्रिकेटरों के साथ काम करना और उन्हें आकार देना अद्भुत रहा है। मुंबई रणजी ट्रॉफी की 41 बार की चैंपियन है। इसी के साथ इस साल मुंबई की टीम कुल मिलाकर 47वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुई है।
2016-17 के बाद मुंबई की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। सेमीफइनल मुकाबले में मुंबई की भिड़ंत उत्तर प्रदेश के साथ हुई थी और यह मुकाबला ड्रा पर खत्म हुआ था। मुंबई की टीम अपनी पहली पारी की बढ़त के आधार पर फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हो गई। अब फाइनल में मुंबई का मुकाबला मध्य प्रदेश से होगा।
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युवा पीढ़ी के साथ काम करना अद्भुत: Amol Muzumdar
ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने मुंबई के कोच और पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अमोल मजूमदार के हवाले से कहा कि इस पीढ़ी के दृष्टिकोण में एकमात्र अंतर यह है कि आप इसे कैसे लेते हैं और आप इसे ड्रेसिंग रूम में कैसे लाते हैं। आप उस ड्रेसिंग रूम को कैसे हल्का रखते हैं। ड्रेसिंग रूम में किसी भी खिलाड़ी पर किसी भी तरह का भार नहीं होना चाहिए।
हमारा लक्ष्य यही रहा है। यह पीढ़ी शानदार रही है। मैं उनसे कहता रहता हूं कि अगर आप अपने खेल पर काम करते रहें तो दुनिया आपकी फैन बन जाएगी। आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना है। अवसर देखो और प्रदर्शन करो। उनके साथ काम करना और बस उन्हें आकार देना अद्भुत रहा है। उन्हें बढ़ता हुआ देखकर मुझे बहुत खुशी होती है।
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हर खिलाड़ी मुंबई कैप को देता है महत्व
मजूमदार को लगता है कि टीम की अगली पीढ़ी में ‘बॉम्बे की विरासत की भावना’ है और हर खिलाड़ी प्रतिष्ठित मुंबई कैप को महत्व देता है। जून 2021 में रमेश पवार से मुख्य कोच के रूप में काम लेने के बाद से रेड-बॉल क्रिकेट में टीम को ट्रैक पर लाना उनकी प्राथमिकता थी और
अब यह कईं महीने की मेहनत का फल है कि उनकी टीम फाइनल में पहुंच गई है। सफलता के लिए मुख्य कोच का मंत्र सरल था: ड्रेसिंग रूम में काम करने वाली प्रक्रिया का पालन करना और अंत तक पूरी प्रतिबद्धता दिखाना। मजूमदार का कहना है कि यह एक अलग पीढ़ी है जिसके साथ आप यहां काम कर रहे हैं।
मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि यह एक और मैच है, जो हमें खेलना है। हम इस फाइनल मुकाबले का प्रेशर खिलाड़ियों पर नहीं डालना चाहते हैं। हम इसे बस एक और मैच की तरह ले रहे हैं। ड्रेसिंग रूम में कुछ सिस्टम काम कर रहे हैं और हम रणजी ट्रॉफी सीजन में आखिरी गेंद फेंके जाने तक उसका पालन करना चाहेंगे। सीज़न की शुरुआत में यह हमारी प्रतिबद्धता थी।
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युवा खिलाड़ियों ने किया है शानदार प्रदर्शन
कई युवा खिलाड़ियों की प्रगति से भी कोच मजूमदार बेहद खुश हैं। क्योंकि यशस्वी जायसवाल, सुवेद पारकर, सरफराज खान, शम्स मुलानी, अरमान जाफर, हार्दिक तमोर जैसे कई खिलाड़ियों ने मुंबई के लिए इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है।
इन बल्लेबाजों ने इस साल कईं बड़ी-बड़ी पारियां खेली हैं। इसके साथ ही गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। टीम गेंदबाजों के वर्कलोड को मैनेज करने के लिए मेहनत कर रही है। सीजन की शुरुआत से पहले पांच गेंदबाजों की रणनीति तय की गई थी।
मुंबई के बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी अब 37 विकेट के साथ गेंदबाजी चार्ट में शीर्ष पर हैं। धवल कुलकर्णी और मोहित अवस्थी की तेज जोड़ी ने 26 विकेट लिए हैं और ऑफ स्पिनर तनुश कोटियन के नाम 18 विकेट हैं। इन सभी खिलाड़ियों ने अब तक टूर्नामेंट के सभी पांचों मैच खेले हैं। मजूमदार अपनी गेंदबाजी इकाई से प्रभावित हैं।
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गेंदबाजों ने भी किया है अच्छा प्रदर्शन
मजूमदार ने आगे कहा कि गेंदबाजी इकाई शानदार रही है, वे पूरे 365 दिनों से प्रयास कर रहे हैं। प्रशिक्षकों और फिजियो ने शानदार काम किया है। धवल ने गेंदबाजी यूनिट को अच्छी तरह से लीड किया है और आगे बढ़ाया है। वह एक ऐसे व्यक्ति की तरह है जो उन्हें सलाह देता है और
उन्हें गेंदबाजी के दौरान अलग-अलग चीजें करने की स्वतंत्रता देता है। शम्स मुलानी का इस सीजन में शानदार प्रदर्शन रहा है। उन्होंने सेमीफाइनल मैच में एक भी विकेट नहीं लिया। लेकिन इस सीजन में अब तक उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। इस सीज़न में टीम को प्रेरित रखना भी एक चुनौती थी क्योंकि इस बार रणजी दो चरणों में आयोजित हुई है।
22 जून को होने वाले फाइनल मुकाबले के लिए मजूमदार अपने प्रतिद्वंद्वी या उसके मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित से परेशान नहीं हैं। जिन्होंने मुंबई और विदर्भ को दो रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाए थे। चंद्रकांत पंडित 2016-17 में टीम के मुख्य कोच भी थे, जब मुंबई आखिरी बार रणजी फाइनल में पहुंची थी।