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Chess Olympiad:शतरंज की दुनिया का बादशाह बना भारत, पहली बार पुरुष और महिला कैटेगरी में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास

India News (इंडिया न्यूज),Chess Olympiad:शतरंज की दुनिया में रविवार 22 सितंबर 2024 का दिन भारत के लिए हमेशा के लिए सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। शतरंज के इतिहास में भारत ने पहली बार ओलंपियाड का स्वर्ण पदक जीता है। हंगरी में चल रहे शतरंज ओलंपियाड 2024 में भारत पहली बार एक साथ ओपन सेक्शन (पुरुष) और महिला वर्ग में चैंपियन बना। डी गुकेश, आर प्रगनंधा, अर्जुन एरिगेसी समेत 5 खिलाड़ियों वाली भारतीय पुरुष टीम ने ओपन कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद तानिया सचदेव, आर वैशाली, दिव्या देशमुख वाली महिला टीम ने भी स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। भारत ने न सिर्फ पहली बार दोनों कैटेगरी में स्वर्ण जीता, बल्कि एक साथ दोनों स्वर्ण जीतकर तहलका मचा दिया। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में पिछले कई दिनों से चल रहे 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत को पहले से ही खिताब का दावेदार माना जा रहा था। अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा आयोजित यह शतरंज का दुनिया का सबसे बड़ा टीम टूर्नामेंट है, जिसमें अलग-अलग देश हिस्सा लेते हैं। भारत ने पहली बार 2022 में इसकी मेजबानी की थी। तब भारत ने ओपन सेक्शन और महिला इवेंट में कांस्य पदक जीते थे। भारतीय पुरुषों ने 2014 में भी कांस्य पदक जीता था, लेकिन पहली बार भारत दोनों इवेंट में चैंपियन बना।

आखिरी राउंड में किया कमाल

इस बार भारत की ओर से ओपन सेक्शन में गुकेश, प्रज्ञानंदधा, अर्जुन एरिगेसी, विदित गुजराती और पी हरिकृष्णा की टीम हिस्सा ले रही थी। भारतीय टीम ने शनिवार को अमेरिका के खिलाफ जीत के साथ अपना स्वर्ण पदक लगभग पक्का कर लिया था। तब भारत 19 अंकों के साथ पहले स्थान पर था, जबकि चीन 17 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर था। रविवार को भारत को 11वें और आखिरी राउंड में सिर्फ ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन भारत ने मैच 3-0 से जीतकर खिताब पर कब्जा कर लिया। ग्रैंडमास्टर गुकेश, अर्जुन और प्रज्ञानंदधा ने अपने-अपने मैच जीते और इस तरह भारत ने एक मैच शेष रहते इस राउंड के साथ ही खिताब भी अपने नाम कर लिया। भारत ने सभी 11 राउंड में 22 में से 21 अंक हासिल किए।

अजरबैजान को हराकर महिला टीम बनी चैंपियन

दूसरी ओर, महिला वर्ग में वैशाली के अलावा तानिया, दिव्या, डी हरिका और वंतिका अग्रवाल भी शामिल थीं। आखिरी राउंड से पहले भारतीय टीम और कजाकिस्तान संयुक्त रूप से पहले स्थान पर थे। ऐसे में भारतीय टीम को खिताब जीतने के लिए आखिरी राउंड के मैच में अजरबैजान को हर हाल में हराना जरूरी था। भारत की ओर से हरिका, दिव्या और वंतिका ने अपने-अपने मैच जीते, जबकि वैशाली का मैच ड्रॉ रहा। इस तरह भारतीय टीम ने यह राउंड 3.5-0.5 अंकों से जीता और स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

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Divyanshi Singh

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