India News(इंडिया न्यूज), Suryakumar Yadav: क्या सूर्यकुमार यादव के वाकई में तेवर बदल गए हैं? टी20 सीरीज में बतौर कप्तान के रूप में डेब्यू करने वाले हैं और ये सूर्यकुमार के लिए एक नया आगाज होने वाले हैं। इस बीच सूर्यकुमार का एक बयान सामने आया है जिसमें वो कह रहे हैं कि क्रिकेट जीवन का एक हिस्सा है न कि पूरा जीवन। उनके इस बयान के बाद लोगों ने उनके बारे में ऐसा माइंडसेट बना लिया है कि उनके तेवर बदल लिया है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।

Suryakumar Yadav: जानें क्यों मैच से पहले अभ्यास नहीं करते हैं सूर्यकुमार यादव

सूर्यकुमार यादव में आ गए तेवर?

सूर्यकुमार यादव शनिवार से श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की टी20 सीरीज में बतौर कप्तान डेब्यू करेंगे। सूर्यकुमार यादव ने बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘भले ही मैं कप्तान नहीं था, लेकिन मैंने हमेशा मैदान पर एक लीडर की भूमिका का लुत्फ उठाया है। मैंने हमेशा अलग-अलग कप्तानों से बहुत कुछ सीखा है। यह एक अच्छा एहसास और बड़ी जिम्मेदारी है।’

नए कप्तान सूर्यकुमार यादव और नए हेड कोच गौतम गंभीर की मौजूदगी में भारतीय टी20 टीम एक नए युग की शुरुआत करेगी। सूर्यकुमार यादव साल 2014 में गौतम गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए आईपीएल में खेल चुके हैं और दोनों के बीच काफी अच्छे संबंध हैं।

कोच गंभीर के साथ रिश्तों पर बोले SKY

सूर्यकुमार यादव ने कहा, ‘यह रिश्ता काफी खास है, क्योंकि मैं 2014 में केकेआर के लिए उनके (गंभीर) नेतृत्व में खेल चुका हूं। यह खास था क्योंकि यहीं मुझे मौके मिले। हमारा रिश्ता अभी भी मजबूत है। वह (गंभीर) जानते हैं कि मैं कैसे काम करता हूं और जब मैं अभ्यास सत्र में आता हूं तो मेरी मानसिकता क्या होती है। मैं यह भी जानता हूं कि वह कोच के तौर पर कैसे काम करने की कोशिश करते हैं। यह सब हमारे बीच के प्यारे रिश्ते के बारे में है और मैं यह देखने के लिए काफी उत्साहित हूं कि यह कैसे आगे बढ़ता है।

Champions Trophy: ‘हम बहुत अच्छे लोग हैं…’,Team India से ये गुजारिश क्यों करने लगे शोएब मलिक

क्रिकेट केवल जीवन का एक हिस्सा

सूर्यकुमार यादव ने कहा कि एक कप्तान के तौर पर वह विनम्र बने रहना चाहते हैं क्योंकि वह क्रिकेट को सिर्फ एक खेल के रूप में देखते हैं न कि जीवन के रूप में। मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने इस खेल से जो सबसे महत्वपूर्ण चीज सीखी है, वह यह है कि कुछ हासिल करने या अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के बाद भी आप कितने विनम्र रहते हैं। मैंने सीखा है कि आप मैदान पर जो कुछ भी करते हैं, उसे वहीं छोड़ देना चाहिए।’ सूर्यकुमार यादव ने कहा, ‘यह आपकी जिंदगी नहीं है, यह आपकी जिंदगी का हिस्सा है। जीवन में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर आप अच्छे इंसान हैं, तो सब कुछ अच्छा है।’