India News (इंडिया न्यूज़), Manu Bhaker: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को पहला पदक दिलाया है। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 221.7 अंक हासिल कर कांस्य पदक जीता। पदक जीतने के बाद मनु ने कहा कि वह भगवद गीता के संदेश से पदक जीतने की राह पर चल पाईं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए संदेश ‘कर्म करो फल की चिंता मत करो’ का पालन करने की बात भी कही।

मनु भाकर रोने लगी थीं

मनु भाकर ने 2020 टोक्यो ओलंपिक के दौरान 18 साल की उम्र में ओलंपिक में पदार्पण किया था। उस समय पिस्टल में तकनीकी खराबी के कारण वह शीर्ष-10 में भी जगह नहीं बना पाई थीं। हालात ऐसे थे कि खराब प्रदर्शन के कारण मनु रोने लगी थीं। उस बुरे दौर को याद करते हुए मनु ने कहा- सच कहूं तो Tokyo Olympic से जुड़ी मेरी बहुत बुरी यादें हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ। मैंने क्या गलत किया था।

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जीवन में आगे बढ़ना था

टोक्यो ओलंपिक की बुरी यादों को पीछे छोड़ने में मनु भाकर को काफी समय लगा। उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि हम सभी को कुछ परिस्थितियों को भूल जाना चाहिए, खासकर जब चीजें हमारे हाथ में न हों। हम इतिहास नहीं बदल सकते। जो पहले हुआ वह अच्छा नहीं था, लेकिन मुझे अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजना था।”

अपना काम करो, परिणाम की चिंता मत करो

22 वर्षीय मनु भाकर भगवद गीता का पाठ करती हैं, जिसका एक श्लोक उन पर बहुत प्रभाव डालता है। पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा, “जब मैं भगवद गीता का पाठ करती हूं, तो मेरे दिमाग में बस यही चलता रहता है कि ‘तुम जो करने आए हो, बस वही करो। तुम भाग्य को नियंत्रित नहीं कर सकते। गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, ‘कर्म करो, फल की चिंता मत करो’ मेरे दिमाग में भी यही चल रहा था।”

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