इंडिया न्यूज़, दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI ) पहली बार महिला प्रीमियर लीग का आयोजित करने जा रहे है। WPL के लिए मुंबई में आज महिला खिलाड़ियों की बोली चल रही है। बता दें, शुरुआत में कयास लगाए जा रहे थे महिला खिलाड़ियों पर खूब पैसे बरसने वाले हैं। और ठीक हुआ ऐसा है जब WPL के लिए बोली लगाए जाने लगी तब भारतीय खिलाड़ी स्मृति मांधना को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 3.40 करोड़ रूपये देकर अपने साथ जोड़ा। दूसरी ओर धुरंधर बल्ल्लेबाज हरमनप्रीत कौर को यूपी वारियर्स ने 1.80 करोड़ रु देकर अपने साथ जोड़ा।
ये तो बात रही भारतीय खिलाड़ियों की करोड़पति बनने की। दूसरी तरफ विदेशी खिलाड़ियों की बात करे तो महज आधे घंटे के नीलामी के क्रम में तीन विदशी महिला खिलाड़ी करोड़पति बनी। बात करें आधे घंटे के अंदर नीलामी की तो दो भारतीय खिलाड़ी करोड़पति बनी विदेशी खिलाड़ियों में करोड़पति बनने वाली खिलाड़ियों का नाम ऐश्ली गार्डनर रहा जिन्हें गुजरात टाइटंस ने 3.20 करोड़ रूपये में खरीदा। गार्डनर के बाद सोफी एक्लेस्टन को यूपी वॉर्रिएर्स ने 1.80 रूपये में खरीदा। नीलामी के आधे घंटे के अंदर तीसरी करोड़पति बनने वाली विदेशी खिलाड़ी रहीं एलिस पैरी जिन्हें आरसीबी ने 1.70 करोड़ रूपये में अपने साथ जोड़ा।
आईपीएल में भी विदेशी खिलाड़ियों का जलवा कायम
अभी तक हमने WPL में विदेशी खिलाड़ियों पर पैसे लुटाने की बात की। अगर विदेशी खिलाड़ियों पर पैसे लुटाने की बात करे तो आईपीएल भी पीछे नजर नहीं आता है। बता दें, बीते साल आईपीएल की नीलामी में भारतीय खिडियों के ऊपर विदेशी खिलाड़ियों को तवज्जों देकर विदेशी खिलाड़ियों पर खूब पैसा लुटाया गया था। आईपीएल में जिन विदेशी खिलाड़ियों पर पैसा लुटाया गया उनमें बेन स्टोक्स, सैम कारन, जेशन होल्डर शिमरॉन हेटमायर का नाम शामिल था। इन विदेशी खिलाड़ियों पर फ्रेंचाइजियों ने भारी भरकम खर्च कर अपना पर्श खली किया था।
आईपीएल / WPL नाम और विदेशी खिलाड़ियों का जलवा क्यों ?
आपने देखा किस तरह आईपीएल हो या WPL किस कदर विदेशी खिलाड़ियों पर जमकर पैसे लुटाये जा रहे है। वैसे माना जाता है कि आईपीएल हो या WPL इसके आयोजन के पीछे भारतीय टीम में खिलाड़ियों की खोज करना है। इस तरफ के आयोजन से भारतीय टीम के लिए हीरे ढूंढना है। ऐसे में अगर भारतीय खिलाड़ियों की जगह पर विदेशी खिलाड़ियों को तवज्जों दिया जाएगा तो इंडियन प्रीमियन लीग और WPL रखना कितना उचित होगा? आईपीएल /WPL अगर भारतीय टीम के लिए प्रयोगशाला है तो उसमें विदेशी खिलाड़ियों पर फ्रेंचाइजियां क्या दर्शाना चाहती हैं ?