इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Foreign Teams afraid From green pitches : एक समय था जब इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में ग्रीन टॉप पिचें बनाकर हमारे बल्लेबाज़ों को डराने की कोशिश की जाती थी लेकिन अब पूरा परिदृश्य बदल गया है।
अब ये टीमें भारत के खिलाफ सीरीज़ में सोच समझकर ही ग्रीन टॉप बनाती हैं क्योंकि वे जानती हैं कि कहीं दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदने की कोशिश में कही खुद ही उसमें न गिर जाएं। अब साउथ अफ्रीका में बॉक्सिंग डे से इस दौरे की शुरुआत हो जाएगी।
मुझे नहीं लगता कि साउथ अफ्रीका इस सीरीज़ में खतरनाक पिचें तैयार करेगा क्योंकि उस पर उनके फंसने की भी आशंका है। मेरे ख्याल से इस दौरे में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सीराज हमारे तीन फ्रंटलाइन बॉलर रहने वाले हैं। बुमराह का प्रदर्शन विदेशी पिचों पर ज़बर्दस्त रहा है।
सीराज का डाटाबेस ऑस्ट्रेलिया के पास नहीं था इसलिए उनकी गेंदबाज़ी ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर कारगर रही। यहां भी वह खतरनाक साबित हो सकते हैं। शमी ने पिछले दिनों टी 20 वर्ल्ड कप में भी साबित किया कि वह एक क्लास बॉलर हैं। उनकी गेंदबाज़ी साउथ अफ्रीका में भी असरदार साबित हो सकती है।
बाकी ईशांत में अब वह बात नहीं रह गई। ठीक है कि वह अनुभवी हैं लेकिन उनका अनुभव अब मैदान पर बहुत कम ही दिखाई देता है जबकि यह अनुभव मैदान पर हमेशा दिखना चाहिए।
उनकी हर गेंद में यह अनुभव दिखना चाहिए। स्पिनर के तौर पर आर अश्विन खेलेंगे। केपटाउन में तीसरे टेस्ट में जडेजा वाली जगह पर आप जयंत यादव को खिला सकते हैं। इससे पहले आपके पास शार्दुल ठाकुर को खिलाने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचता लेकिन शाार्दुल फिनिशिंग प्रोडक्ट नहीं है।
मैंने भी हाफ सेंचुरी बनाई है लेकिन उससे मैं ऑलराउंडर नहीं बन जाता। शार्दुल को अभी पूरी तरह से ऑलराउंडर बनने में वक्त लगेगा।
बड़ी दिक्कत यह है कि हमारे तीन फ्रंटलाइन बॉलर क्या तीनों टेस्टों में अपनी फिटनेस बरकरार रख पाएंगे। 25-30 साल पहले ऐसा होता था जब 80 फीसदी फिटनेस में भी तेज़ गेंदबाज़ों को खिला दिया जाता था लेकिन आज हर खिलाड़ी का पूरी तरह फिट होना बेहद ज़रूरी है।
उस वक्त बाकी खिलाड़ियों की ज़रूरत महसूस होगी। टीम में बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ का न होना भी हमारी कम्पलीट टीम पर सवालिया निशान लगाता है। लेफ्टी फास्ट बॉलर पिच पर फुटमार्क बनाता है जिसका फायदा स्पिनरों को मिलता है।
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ज़हीर खान के फुटमार्क बनाने का काफी फायदा हरभजन सिंह ने और बाद में आर अश्विन ने उठाया। अगर इस दौरे पर बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ होता तो उसका भी अश्विन खास तौर पर फायदा उठाते।
(लेखक टीम इंडिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ होने के अलावा क्रिकेट समीक्षक हैं)