GIPKL 2025 कबड्डी लीग के भव्य शुभारंभ के अवसर पर HIPSA की अध्यक्ष कांथि डी सुरेश ने अपने विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने खेल, मीडिया, सरकार और खिलाड़ियों के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि ये चार तत्व किसी भी खेल की स्थिरता के लिए अनिवार्य होते हैं।

GIPKL 2025 क्यों है अलग?

  1. मिश्रित जेंडर लीग: GIPKL पहली ऐसी कबड्डी लीग है, जिसमें पुरुष और महिला खिलाड़ी समान स्तर पर खेलेंगे। यह भारतीय खेल इतिहास में एक नई क्रांति लेकर आएगी और खेल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देगी।
  2. ओलंपिक्स का सपना: हमारी लीग का दीर्घकालिक विजन कबड्डी को ओलंपिक्स में शामिल कराना है। वर्तमान में 45 से अधिक देश इस खेल में भागीदारी कर रहे हैं। भारत सरकार पहले ही 2026 में एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी की घोषणा कर चुकी है, और हमारा लक्ष्य है कि उस टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीतें।
  3. अंतरराष्ट्रीय विस्तार: GIPKL सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर फैलाने की योजना बनाई गई है। भारत में निर्मित यह लीग अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है।
  4. पेशेवर प्रबंधन: यह लीग अधिक पेशेवर, सुव्यवस्थित और दीर्घकालिक योजना के साथ संचालित की जाएगी, जिससे खिलाड़ियों और प्रायोजकों को अधिक अवसर मिलेंगे।

चुनौतियाँ और आगे की राह

कांथि डी सुरेश ने यह भी स्वीकार किया कि इस यात्रा में कई कठिनाइयाँ और बाधाएँ आई हैं। लेकिन उनका मानना है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने सभी हितधारकों – सरकार, कॉरपोरेट जगत, खिलाड़ियों और प्रशंसकों से इस पहल का समर्थन करने की अपील की।

उन्होंने कहा, “हम अगले 10 वर्षों में इस लीग को और भी बड़े स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मिशन केवल एक लीग बनाना नहीं है, बल्कि भारतीय कबड्डी को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करना है।”

GIPKL 2025 की शुरुआत भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए तैयार है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में यह लीग कितनी ऊँचाइयाँ छूती है।