भारत में कबड्डी के विकास को एक नई दिशा देने के लिए GIPKL 2025 (GI-PKL) लीग का ऐतिहासिक शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर HIPSA की अध्यक्ष कांथि डी सुरेश और भारत के पूर्व कबड्डी कप्तान दीपक हूडा ने अपनी महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। यह पहली ऐसी लीग होगी जिसमें पुरुष और महिला खिलाड़ी एक ही मंच पर खेलेंगे। इसके साथ ही 15 से अधिक देशों के खिलाड़ी भी इस लीग में हिस्सा लेंगे।
कबड्डी को ओलंपिक्स तक ले जाने का लक्ष्य
GIPKL 2025 का उद्देश्य कबड्डी को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाना और इसे ओलंपिक्स में शामिल करवाने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करना है। कांथि डी सुरेश ने कहा, “हम 2036 के ओलंपिक्स की मेजबानी करने जा रहे हैं और GIPKL इस दिशा में पहला कदम है। यह लीग न केवल युवा खिलाड़ियों के लिए एक मंच प्रदान करेगी बल्कि भारत और विश्वभर के कबड्डी प्रशंसकों के लिए भी रोमांचक अनुभव लेकर आएगी।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
पूर्व भारतीय कबड्डी कप्तान दीपक हूडा ने कहा, “GIPKL की शुरुआत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर है। यह उन खिलाड़ियों के लिए सुनहरा मौका है जो अब तक प्रो कबड्डी लीग तक नहीं पहुंच सके। इससे उन्हें बड़े टूर्नामेंट्स के लिए तैयारी करने का अवसर मिलेगा और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे।”
कबड्डी की बढ़ती लोकप्रियता
भारत में कबड्डी खेल की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। दीपक हूडा ने बताया, “अगर हम 10-12 साल पहले की स्थिति देखें और आज की तुलना करें, तो फर्क साफ नजर आता है। अब हर गांव में 100 से 200 बच्चे कबड्डी खेलते नजर आते हैं। ऐसे में इस तरह की नई लीग्स का आना खेल की लोकप्रियता और विस्तार को और अधिक बढ़ावा देगा।”
GIPKL 2025: कबड्डी का भविष्य
इस नई लीग से कबड्डी खेल को वैश्विक मंच मिलेगा और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। GIPKL 2025 न केवल एक नया खेल मंच होगा बल्कि यह कबड्डी को ओलंपिक्स तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
निष्कर्ष: GIPKL 2025 का लॉन्च भारतीय कबड्डी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस लीग के जरिए युवा खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर खेलने और अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा, जिससे भारत का कबड्डी खेल विश्व पटल पर और अधिक मजबूती से उभर सकेगा।