India News (इंडिया न्यूज), Nodirbek Yakubboev Controversy: एक तरफ जहां तालिबान शासित बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार आम बात है। इसी के चलते भारत की एक बेटी ग्रैंडमास्टर आर वैशाली को उस समय अपमान की कड़वी गोली निगलनी पड़ी, जब एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में ग्रैंडमास्टर नोडिरबेक याकूबोव ने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, जब विवाद बढ़ा तो वे धर्म की आड़ में छिपने की कोशिश करते नजर आए।

वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार

दरअसल, टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब ग्रैंडमास्टर नोडिरबेक याकूबोव ने भारतीय जीएम आर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। उज्बेक खिलाड़ी ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा अपमानजनक नहीं था और उन्होंने धार्मिक कारणों से ऐसा किया। सोशल मीडिया पर चेसबेस इंडिया द्वारा शेयर किए गए वीडियो में, वैशाली को चौथे दौर की प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले याकूबोव के खिलाफ अपना हाथ बढ़ाते हुए देखा जा सकता है, जो बिना जवाब दिए बैठ गए। इस पर भारत की बेटी थोड़ी असहज दिखी। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय बेटी ने 2019 में जीएम बने 23 वर्षीय याकूबोव को हराकर उन्हें उनके मजे का स्वाद चखाया।

‘दूसरी महिलाओं को छूना हराम’

पूरे विवाद को बढ़ता देख याकूबोव ने एक लंबी प्रतिक्रिया पोस्ट की। उन्होंने कहा- वैशाली और उनके छोटे भाई आर. प्रज्ञानंद के प्रति उनका पूरा सम्मान है, लेकिन वह धार्मिक कारणों से दूसरी महिलाओं को नहीं छूते। मैं खेल के दौरान वैशाली के साथ हुए इस व्यवहार को स्पष्ट करना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ, मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से दूसरी महिलाओं को नहीं छूता। आपको बता दें कि याकूबोव मुस्लिम हैं। हालांकि, इससे पहले भी वह महिला खिलाड़ियों से हाथ मिलाते रहे हैं।

वैशाली ने उज्बेक खिलाड़ी को हराने के बाद हाथ नहीं बढ़ाया। जाहिर है कि वह इस बात से नाराज थी कि विरोधी खिलाड़ी ने खेल की परंपरा का पालन नहीं किया। 8 राउंड के बाद भारतीय खिलाड़ी के 4 अंक हो गए हैं और अभी पांच राउंड और खेले जाने हैं।

पहले महिलाओं से हाथ मिलाते थे

याकूबोव ने अपनी पोस्ट में माफी मांगते हुए कहा- अगर मैंने अपने व्यवहार से उन्हें नाराज किया है तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास स्पष्टीकरण हैं। पहला- शतरंज हराम नहीं है। दूसरा- मैंने पहले जो किया (दिव्या से हाथ मिलाना) वह मेरे लिए अच्छा नहीं था। तीसरा- मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए। मैं दूसरों से विपरीत लिंग के लोगों से हाथ न मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने पर जोर नहीं देता। वे क्या करते हैं, यह उनका मामला है। याकूबोव ने कहा कि रोमानिया की इरिना बुलमागा के खिलाफ 8वें राउंड के खेल में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उन्होंने पहले ही उन्हें अपनी धार्मिक मान्यताओं के बारे में बता दिया था।

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‘लैंगिक पक्षपाती होने का आरोप लगाया’

उन्होंने कहा- आज (रविवार) मैंने इरिना बुलमागा को इसके बारे में बताया। वह इसके लिए राजी हो गईं। लेकिन जब मैं स्पोर्ट्स हॉल में आया तो जजों ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम ‘नमस्ते’ तो कहना चाहिए। दिव्या और वैशाली के साथ खेलों में मैं उन्हें खेल से पहले इसके बारे में नहीं बता सका और एक अजीब स्थिति पैदा हो गई। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या खेलों में भी इस तरह का व्यवहार करना उचित है। कुछ लोगों ने उनके रूढ़िवादी विचारों पर सवाल उठाए हैं। उन पर कट्टर और लैंगिक पक्षपाती होने का आरोप लगाया गया है।

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