भारत के ओलंपिक खेलों में मनु भाकर और डी. गुकेश को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मनु भाकर ने शूटिंग में अपनी बेहतरीन तकनीकी क्षमता और सटीकता को साबित करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। वहीं, डी. गुकेश, जिन्होंने शतरंज में दुनिया भर में भारत का गौरव बढ़ाया, उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता दी गई।

हर्मनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार को भी खेल रत्न सम्मान
इस बार के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में हर्मनप्रीत सिंह, भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान, को उनकी नेतृत्व क्षमता और टोक्यो ओलंपिक में किए गए अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए खेल रत्न से नवाजा गया। साथ ही, प्रवीण कुमार, जिन्होंने पैरालिंपिक गोल्ड जीतकर हाई जंप में भारत को सफलता दिलाई, उनका भी सम्मान हुआ।

अर्जुन पुरस्कार: 32 एथलीटों को मिला मान
अर्जुन पुरस्कार इस साल कुल 32 एथलीटों को दिया गया, जिसमें 17 पैरा-एथलीट्स शामिल थे। यह पुरस्कार उन एथलीटों को मिलता है जिन्होंने अपने खेल में उल्लेखनीय योगदान दिया हो और अपने देश को गर्व महसूस कराया हो। इस बार की विशेष बात यह रही कि पेरिस पैरालंपिक में भारत ने 29 पदक जीते, जिसमें पैरा-एथलीट्स का योगदान अभूतपूर्व था। इससे भारत के समावेशी खेल विकास की दिशा को मजबूती मिली है।

समावेशी खेल विकास में मील का पत्थर
पेरिस पैरालंपिक में पैरा-एथलीट्स द्वारा की गई ऐतिहासिक उपलब्धियों ने भारत के खेल क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। 17 पैरा-एथलीट्स के अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने से यह संदेश गया कि समाज के सभी वर्गों में समान अवसरों का प्रावधान किया जा रहा है, और खेलों में समावेशिता को बढ़ावा मिल रहा है।

भारत के खेल क्षेत्र में परिवर्तन का संकेत
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के इस आयोजन में उन सभी खिलाड़‍ियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने खेलों में अपने समर्पण, कठिन परिश्रम और संघर्ष के माध्यम से अपने देश को गर्व महसूस कराया। यह पुरस्कार समग्र खेल विकास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह उन खिलाड़‍ियों को मान्यता देता है जो पारंपरिक खेलों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी भारत की पहचान बना रहे हैं।

देशभर में खेलों को प्रोत्साहन
यह पुरस्कार न केवल खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, बल्कि यह खेलों के प्रति समाज का नजरिया भी बदलते हैं। सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा खेलों के लिए किए गए प्रयासों से भारतीय खेल क्षेत्र का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है।