इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
महाराष्ट्र की संयुक्ता काले ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG 2021) में लयबद्ध जिमनास्टिक में सभी पांच स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। संयुक्ता काले ने अपनी शानदार जीत के बाद मंगलवार को कहा, “जहां तक मुझे याद है, मुझे पता था कि मैं खेलों में ही रहना चाहती हूं।
मुझे एकमात्र अड़चन यह थी कि मुझे नहीं पता था कि वह कौन सा खेल है, जिसमें में अपना करियर बनाना चाहती हूँ। 16 वर्षीया इस खिलाड़ी ने टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट सहित कई लोकप्रिय खेलों में हाथ आजमाया। लेकिन फिर, उसने अपनी सही काबिलियत को पहचाना और
उस खेल की खोज कर ली, जिसमें वह जाना चाहती थी। वह था लयबद्ध जिमनास्टिक। वह तब केवल 5 वर्ष की थी। “यह जादू की तरह था। संयुक्ता काले ने कहा कि उन्होंने इसके बाद किसी अन्य खेल के बारे में नहीं सोचा।
संयुक्ता की माँ भी उनसे काफी खुश
संयुक्ता की मां अर्चना काले भी अपनी बेटी से काफी खुश हैं। संयुक्ता की माँ अर्चना काले ने कहा कि हम उनसे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन यह वास्तव में हमारी उम्मीदों से काफी परे है। संयक्ता ने कहा, “मैं अभी भी इसे आत्मसात कर रही हूं।
मुझे चैंपियन बनाने के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को मैं धन्यवाद देती हूं। संयुक्ता का मानना है कि अभी तो यह शुरुआत है। उसका पहला लक्ष्य भारतीय टीम में शामिल होना है। इसके बाद वह 2024 में पेरिस ओलंपिक में पदक जीतना चाहती हैं। वह अपनी आँखें भी नहीं झपकाती जब वह बताती है कि उनकी निगाहें सिर्फ स्वर्ण पदक पर है।
जिम्नास्टिक को दिया है अपना सारा समय
उन्होंने कहा कि हां, पहले कॉमनवेल्थ गेम्स, फिर एशियन चैंपियनशिप, इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप और आखिर में पेरिस ओलंपिक। यात्रा लंबी और कठिन रही है। लेकिन संयुक्ता को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि उन्होंने खेल के लिए कितना समय दिया है।
उन्होंने कहा, “मैंने अपना सारा समय जिम्नास्टिक के लिए समर्पित कर दिया है। मैंने जितने भी मैडल जीते हैं, उसके लिए मैं अपने गुरु पूजा सुर्वे का शुक्रिया अदा करती हूं। महाराष्ट्र जिम्नास्टिक टीम के कोच प्रवीण धागे ने पुष्टि की, “संयुक्ता एक होनहार एथलीट हैं। वह दूर तक टिकेगी और देश के लिए पदक की एक बड़ी संभावना है।
धागे ने कहा, “रिदमिक जिम्नास्टिक में रस्सी, घेरा, गेंद, क्लब और रिबन शामिल हैं। उनमें से प्रत्येक को बहुत अधिक चपलता की आवश्यकता होती है और संयुक्ता ने उन पर महारत का प्रदर्शन किया। उसका कोई भी सह-प्रतियोगी उसके करीब नहीं आ सका है।